Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा (Justice Ramesh Sinha) ने जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग, राजनांदगांव और भिलाई के नवीन न्यायालय भवन का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायालय, दुर्ग के न्यायालय परिसर के समस्त कक्षों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें भवन की आधारभूत संरचना न्यायालय की गरिमा के अनुरूप नहीं मिली. अधिवक्ताओं के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं था. मुख्य न्यायाधीश ने दुर्ग के कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को निर्देशित किया गया कि न्यायालय भवन के लिए लगभग 10-12 एकड़ की एक बड़ी जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित करें.


मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने केन्द्रीय जेल दुर्ग का निरीक्षण किया गया. वहां उन्होंने बंदीगृह के बैरकों का निरीक्षण किया. जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया. डॉक्टरों से बात करते हुए बंदियों को दिए जाने वाली चिकित्सा सुविधा की जानकारी ली. उन्होंने बाल संप्रेक्षण गृह, वीडियो कान्फेसिंग रूम, लीगल एड क्लीनिक इत्यादि का भी निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की. बाल संप्रेक्षण गृह में निरूद्ध किशोरों की पेशी के लिए वर्चुअल माध्यम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया. उन्होंने जेल की केन्टिन, बंदियों द्वारा संचालित सिलाई बुनाई कक्ष, फर्नीचर फैक्ट्री इत्यादि का भी निरीक्षण किया. जेल अधिकारियों से बंदियों की संख्या की जानकारी ली. जेल में स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई की सुविधा पर उन्होंने संतोष जताया.


राजनांदगांव जिला न्यायालय का किया निरीक्षण
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायालय राजनांदगांव का भी निरीक्षण किया गया. न्यायालय भवन की आधारभूत संरचना न्यायालय की गरिमा के अनुरूप पाई गई. न्यायालय के निरीक्षण के दौरान व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. न्यायालय की साफ-सफाई व्यवस्था पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया. 


 प्रदेश के न्यायालय का कर रहे औचक निरीक्षण
मुख्य न्यायाधीश सिन्हा ने भिलाई के नया न्यायालय भवन का भी निरीक्षण किया. भवन की आधारभूत संरचना न्यायालय की गरिमा के अनुरूप पाई गई. न्यायालय की साफ-सफाई व्यवस्था पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया. न्यायालयों के निरीक्षण के दौरान मुख्य न्यायाधीश सिन्हा ने अधिवक्ताओं से भी मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं.


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