Cricket Popularity: क्रिकेट दुनिया में खेले जाने वाले लोकप्रिय खेलों में से एक है. इसकी शुरुआत 19-20 वीं शताब्दी के दौर में अंग्रेजों ने की थी. खेल की शुरुआत के बाद से ही यह खेल लोकप्रियता के मामले के मामले में शीर्ष पर रहा. खेल की लोकप्रियता के चलते इस खेल के खिलाड़ियों को नाम और शोहरत भी मिलने लगी. दुनिया में इस खेल को अस्तित्व में लाने का श्रेय ब्रिटेन को जाता है. अंग्रेज दुनिया के जिस भी देश में गए वहां इस खेल की लोकप्रियता बढ़ती चली गई. जहां वे नहीं पहुंचे, वहां क्रिकेट का विस्तार भी नही हो पाया. साथ ही जिन देशों के हालत ओर कारण अलग थे वहां भी क्रिकेट नही पहुंच पाया. पहला तो यह कि वहां क्रिकेट से ज्यादा कोई और खेल ज्यादा पॉपुलर था और दूसरा यह कि वह आर्थिक रूप से संपन्न नहीं थे. क्या आप जानते हैं बहुत से देश ऐसे हैं, जहां क्रिकेट आज भी लोकप्रिय नहीं है? आइए जानते है कि वे कौनसे देश हैं जिनमें आज भी क्रिकेट नही खेला जाता है. 


इन देशों में नही खेला जाता है क्रिकेट 


बात अगर भारतीय उपमहाद्वीप की करें तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका में क्रिकेट लोकप्रिय है, लेकिन चीन ही एक ऐसा देश है जहां किक्रेट को पसंद नही किया जाता है. चीन में वैश्विक खेलों को ज्यादा महत्व दिया जाता है. चीन न तो क्रिकेट खेलता है और न ही यहां के लोग इस खेल को पसंद करते हैं. ऐसा माना जाता है कि  चीनी, रूसी, जर्मनी, फ्रांस क्रिकेट नहीं खेलते हैं क्योंकि वे कभी भी अंग्रेजी साम्राज्य के स्वामित्व में नहीं थे. ऐसा ही कुछ हाल जापान, अमेरिका, स्विटजरलैंड, रूस, ब्राजील और क्यूबा का है. इन देशों में क्रिकेट मशहूर नहीं है. इन देशों में न क्रिकेट खेला जाता है और न ही देखा जाता है. 


किक्रेट लोकप्रिय न होने की वजह 


19वीं सदी के आसपास जापान का बाहरी दुनिया से कोई खास संपर्क नहीं था. जापान जैसे देश में ब्रिटिश लोग नहीं पहुंचे. हालांकि, यहां क्रिकेट से काफी मिलता-जुलता अमेरिकी खेल बेसबॉल जरूर खेला जाता है. बेसबॉल यहां का काफी फेमस गेम भी है. मुख्य रूप से खेल की अवधि के कारण फुटबॉल जैसे वैश्विक खेलों को दुनिया में लोग ज्यादा पसंद करते हैं. एक नियमित फुटबॉल मैच अधिकतम 90 मिनट तक चलता है. वहीं दूसरी ओर क्रिकेट अपने दर्शकों से काफी समय की मांग करता है. खेल का सबसे लंबा रूप टेस्ट मैच 5 दिनों तक चलता है, जबकि वनडे 7 घंटे और एक टी20 मैच 3 घंटे तक चलता है. यह एक प्रमुख कारण है कि दुनिया के अधिकतर देशों में क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी के मुकाबले दर्शकों को आकर्षित करने में विफल रहा है. 


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