Government Job Joining Rules: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुस्लिम महिला डॉक्टर के हिजाब को हटाने वाला मामला एक नया मोड़ ले चुका है. दरअसल महिला डॉक्टर नुसरत प्रवीण ने नौकरी जॉइनिंग के आखिरी दिन पर भी नौकरी को जॉइन नहीं किया. इसी बीच आइए जानते हैं कि अगर कोई उम्मीदवार ऑफर लेटर मिलने के बाद भी सरकारी नौकरी को जॉइन नहीं करता तो क्या होता है.

Continues below advertisement

सरकारी नौकरी के ऑफर लेटर की वैलिडिटी कितनी होती है 

सरकारी ऑफर लेटर हमेशा के लिए वैलिड नहीं होता. ऑफर लेटर में हमेशा साफ तौर पर जॉइनिंग की आखिरी तारीख लिखी होती है. यह आखिरी तारीख 15 दिन से 2 महीने तक के बीच में होती है. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के नियमों के मुताबिक अगर कोई उम्मीदवार तय समय में जॉइन नहीं करता है तो ऑफर हमेशा के लिए वैलिड नहीं रहता. ज्यादातर मामलों में अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो ऑफर लेटर जारी होने की तारीख से 6 महीने के अंदर अपॉइंटमेंट अपने आप खत्म हो जाता है.

Continues below advertisement

अगर आप आखिरी तारीख तक जॉइन नहीं करते तो क्या होगा 

अगर कोई भी उम्मीदवार ऑफर लेटर में बताई गई आखिरी जॉइनिंग तारीख तक ड्यूटी पर नहीं आता है तो डिपार्टमेंट आमतौर पर उम्मीदवारी को रद्द कर देता है. इसके बाद उस पद को खाली मान लिया जाता है और भर्ती करने वाला अथॉरिटी वेटिंग लिस्ट में अगले उम्मीदवार को चुन लेता है या फिर अगले योग्य उम्मीदवार की सिफारिश करता है. ज्यादातर मामलों में किसी अलग से टर्मिनेशन ऑर्डर की जरूरत नहीं होती है सिर्फ जॉइन ना करना ही काफी होता है. 

क्या जॉइनिंग की तारीख बढ़ाई जा सकती है 

जॉइनिंग का समय बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह अपने आप नहीं होता. उम्मीदवार को मेडिकल दिक्कत, पारिवारिक इमरजेंसी, या फिर टाले ना जा सकने वाली निजी वजह का सही कारण बताना होता है और एक लिखित में रिक्वेस्ट देनी होती है. डिपार्टमेंट आमतौर पर 1 से 3 महीने का एक्सटेंशन देता है और कुछ खास मामलों में यह 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है.

क्या इससे भविष्य में सरकारी नौकरी के मौके पर असर पड़ेगा 

ज्यादातर मामलों में भविष्य में सरकारी नौकरी के आवेदनों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता. जो उम्मीदवार एक सरकारी नौकरी जॉइन नहीं करता वह यूपीएससी, एसएससी, राज्य कमीशन या फिर दूसरी रिक्रूटिंग बॉडी द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में बैठने के लिए पूरी तरह से एलिजिबल होता है. एक बार जॉइन न करने पर कोई ब्लैक लिस्टिंग का नियम नहीं है जब तक की इसमें कोई धोखाधड़ी शामिल न हो.

ये भी पढ़ें: किस मुगल बादशाह के समय भारत में आ गए थे अंग्रेज, कैसे शुरू हुआ था इनका व्यापार?