मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने एक बार फिर सादगी की मिसाल पेश की है. दरअसल, मोहन यादव अपने छोटे बेटे डॉक्टर अभिमन्यु यादव की शादी एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराने जा रहे हैं. यह कार्यक्रम 30 नवंबर को उज्जैन में होगा, जहां मुख्यमंत्री के बेटे के साथ कुल 21 जोड़े एक साथ सम्मेलन में शादी के बंधन में बंधेंगे. 

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उज्जैन में इस सामूहिक विवाह समारोह की तैयारी पूरी हो चुकी है और मेहमानों को सरल और साधारण निमंत्रण भेजे जा रहे हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि सीएम मोहन यादव के बेटे जिस मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी रचाएंगे इसमें कैसे रजिस्ट्रेशन होता है.

सीएम के बेटे की सम्मेलन में शादी को लेकर हर तरफ तारीफ

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मुख्यमंत्री मोहन यादव के बेटे अभिमन्यु की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराने के फैसले की सामाजिक स्तर पर काफी तारीफ हो रही है. वहीं सामूहिक विवाह आमतौर पर उन जोड़ों के लिए आयोजित किए जाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं या किसी सामाजिक धार्मिक संस्था की तरफ से चयनित होते हैं. माना जा रहा है कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने अपने बेटे का विवाह कराने का निर्णय लेकर समाज में समानता और सामूहिकता का संदेश दिया है. वहीं इस शादी समारोह को लेकर सीएम मोहन यादव ने मेहमानों से कहा है कि वह किसी भी तरह का गिफ्ट नहीं लेकर आए.

क्या करते हैं सीएम मोहन यादव के बेटे और बहू?

सीएम मोहन यादव के छोटे बेटे अभिमन्यु पेशे से डॉक्टर है और भोपाल में रहते हैं. जबकि बहू इशिता भी डॉक्टर है और खरगोन की रहने वाली हैं. वहीं अभिमन्यु और इशिता की सगाई भी बहुत साधारण समारोह में की गई थी, जिसमें परिवार के करीबी लोग ही शामिल हुए थे.

कैसे होता है सामूहिक विवाह सम्मेलन में रजिस्ट्रेशन?

जिस सामूहिक विवाह सम्मेलन में मुख्यमंत्री के बेटे की शादी होगी इस तरह की आयोजनों के लिए आवेदन प्रक्रिया भी तय होती है. यह सामूहिक विवाह सम्मेलन राज्य सरकारें आयोजित कराती है. ऐसे कार्यक्रमों में दूल्हा-दुल्हन को तय तिथि से 15 दिन पहले संबंधित शहरी निकाय या जिला पंचायत में आवेदन देना होता है. इसके अलावा आवेदन राज्य सरकार की सामूहिक विवाह सम्मेलन की वेबसाइट पर जाकर भी किया जा सकता है. वहीं आवेदन के साथ कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट जिनमें दोनों पक्षों के नाबालिग न होने का प्रमाण, आधार कार्ड, आईडी, उम्र प्रमाण पत्र और फोटो जैसे डॉक्यूमेंट शामिल होते हैं. इसके अलावा आवेदन जमा होने के बाद चयन समिति पात्रता तय करती है और आयोजन से पहले स्वीकृति आदेश जारी करती है. सामूहिक विवाह समारोह राज्य सरकार की ओर से तय तारीखों पर आयोजित किए जाते हैं और इन्हीं तारीखों पर लाभार्थी को विवाह का अवसर मिलता है.

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