Assam Polygamy Ban: बहुविवाह पर रोक लगाते हुए देश के पूर्वोत्तर राज्य असम ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. असम विधानसभा में बीते मंगलवार को असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 पास कर दिया गया है, जिसके बाद राज्य में एक से ज्यादा शादी करना पूरी तरह से गैरकानूनी हो गया है. खास बात यह है कि यह कानून सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होगा, यानी असम में रहने वाले मुसलमान भी अब इस्लामी कानून के तहत एक से ज्यादा शादी नहीं कर सकेंगे.
असम विधानसभा में पारित विधेयक में पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करने पर जेल से लेकर जुर्माने तक का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं ऐसे व्यक्ति को सरकारी योजनाओं, यहां तक कि सरकारी नौकरी से भी वंचित किया जाएगा. असम में बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए पारित हुए इस विधेयक के बाद लोगों का सवाल यह है कि जो लोग पहले से दो या इससे अधिक शादी कर चुके हैं, उनका क्या होगा? क्या ऐसे लोगों के लिए भी कोई प्रावधान है? चलिए जानते हैं...
पहले जानिए नए बिल में क्या है?
असम विधानसभा में लाए गए बिल के अनुसार, किसी भी व्यक्ति द्वारा दूसरी शादी करना, जबकि पहली शादी अभी भी कानूनी रूप से वैध है, सीधे तौर पर अपराध माना जाएगा. ऐसे व्यक्ति को सात साल की कैद और जुर्माना भरना होगा. वहीं अगर व्यक्ति अपनी पहली शाद को छिपाकर दूसरी शादी करता है तो ऐसे मामले में सजा 10 साल और भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. अगर कोई व्यक्ति इस तरह का कृत्य बार-बार करता है तो सजा दोगुनी की जा सकती है.
सरकारी नौकरी भी नहीं मिलेगी
असम में लाए गए बिल के मुताबिक, एक से ज्यादा शादी करने वाला व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा और न ही उसे सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी योजना का लाभ मिलेगा. साथ ही वह किसी तरह का चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा. साथ ही, इस बिल में यह प्रावधान भी किया गया है कि किसी व्यक्ति की दूसरी शादी की बात को छिपाने वाले और इसे बढ़ावा देने वाले जैसे- गांव के मुखिया, काजी, पुजारी, अभिभावक या कोई दूसरा व्यक्ति भी दोषी होंगे. ऐसी स्थिति में उन्हें दो साल की सजा और जुर्माने की सजा हो सकती है.
पहले से शादी कर चुके लोगों का क्या होगा?
अब आते हैं अपने सवाल पर...असम विधानसभा में पारित हुआ विधेयक राज्य में बहुविवाह पर लगाम लगाने के लिए लाया गया है. यह विधेयक भविष्य में एक से ज्यादा शादी की व्यवस्था पर रोक लगाता है. इस बिल में पहले से एक से ज्यादा शादी कर चुके लोगों के बारे में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसे में स्पष्ट है कि यह बिल लागू होने के बाद एक से ज्यादा शादी करने वाले आरोपियों पर लागू होगा. पहले से हो चुकी शादियां वैध रहेंगी.
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