उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'एसआईआर' के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि एसआईआर का कार्यक्रम पवित्र लोकतंत्र के लिए चल रहा है, लेकिन कांग्रेस, अखिलेश यादव और उनकी पूरी पार्टी 'एसआईआर' के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया के बीच कई बीएलओ की मौत के बाद उनके परिजनों से मिलेंगे. इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "उनका और उनकी समाजवादी पार्टी का राजनीतिक अस्तित्व कैसा होगा, ये बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से संदेश आ चुका है. समाजवादी पार्टी का सफाया तय है. यह पार्टी अस्त होता हुआ सूरज है."

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि जिस रास्ते पर कांग्रेस और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव चले हैं, उसी रास्ते पर अखिलेश यादव जा रहे हैं. जो दुर्दशा कांग्रेस-राजद की हुई है, उससे भी बुरा हश्र समाजवादी पार्टी का होगा. कर्नाटक में कांग्रेस की अंतर्कलह पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "देश कांग्रेस मुक्त होने की ओर अग्रसर है. इस पार्टी में हाहाकार मचा है. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन उनको भी यह कहना पड़ता है कि वे हाईकमान से बात करेंगे. जब वे खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो इससे ऊपर हाईकमान कौन है?"

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विपक्ष के दल आपस में कौरवों की तरह बंटे हुए- केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा, "समाजवादी पार्टी, टीएमसी और कांग्रेस के कर्म अच्छे नहीं हैं. विपक्ष के दल आपस में कौरवों की तरह बंटे हुए हैं. इसलिए ऐसे दलों के खिलाफ बोलना पड़ेगा. लोगों को यह समझ में आए कि कांग्रेस कैसी पार्टी है?" इससे पहले, उन्होंने 'एक्स' पोस्ट पर लिखा, "वोट चोरी करके नहीं, बल्कि अपनी कांग्रेस कमेटियों के वोटों की पहली डकैती करके पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद पर कब्जा किया था, वरना उनके स्थान पर 'लौहपुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल होते."

त्राहिमाम-त्राहिमाम' का राग अलाप रहे कांग्रेस और उसके पिछलग्गू दल

केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा, "जवाहरलाल नेहरू के रास्ते पर चलकर उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने तो समूचे लोकतंत्र पर डाका डालकर देश पर आपातकाल थोप दिया था. तब कांग्रेस के विरोध से उपजे लेकिन बाद में उसकी परिपाटी पर चलकर सपा और राजद जैसे तमाम दलों ने 'बुलेट से बैलेट' लूटने की तरकीब को ईजाद किया. लेकिन 'कनपटी पर कट्टा' वाली उनकी दबंग राजनीति पर ईवीएम से रोक लगी और एसआईआर तो उनकी फर्जी वोटों की राजनीति को लगभग पूरी तरह खत्म ही कर देगा. इसलिए कांग्रेस और उसके पिछलग्गू दल आए दिन 'त्राहिमाम-त्राहिमाम' का राग अलाप रहे हैं."