बच्चों की रंगत अक्सर मां-बाप की रंगत पर निर्भर करता है. अधिकांश मामलों में अगर मां-बाप की रंगत सांवली होती है, तो बच्चे की रंगत भी सांवली होती है. वहीं अगर मां-बाप की रंगत सफेद यानी गोरी होती है, तो बच्चे भी गोरे होते हैं. लेकिन कुछ मामलों में देखा गया है कि मां-बाप की रंगत गोरी होने के बावजूद बच्चों की रंगत सांवली होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह होती है. 


बच्चों का रंग


बच्चों का रंग मां-बाप के रंग पर पूरा निर्भर करता है. क्योंकि रंग,बाल, और हाइट अक्सर जीन पर निर्भर करते हैं. हालांकि जरूरी नहीं है कि बच्चा हमेशा अपने मां-बाप के ऊपर ही जाता है. कई बार बच्चा अपने दादा-दादी या वंश के किसी और सदस्य के ऊपर भी जाता है. यही कारण है कि कई बार आपने देखा होगा कि मां-पिता की हाइट कम होने के बावजूद बच्चे की हाइट बहुत लंबी होती है. क्योंकि बच्चे के दादा-दादी की हाइट भी लंबी थी. इसलिए हमेशा जरूरी नहीं होता है कि बच्चा सिर्फ अपने मां-बाप के ऊपर जाता है. 


रंग के पीछे जीन


जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसका रंग और रूप वंश के किसी भी सदस्य के ऊपर जा सकता है. इसलिए कई बार ऐसा भी होता है कि मां-बाप गोरे होते है और बच्चा सांवला होता है. इस स्थिति में ये भी हो सकता कि बच्चा अपने दादा-दादी या परदादा-दादी के ऊपर गया हो. आपने घरों में देखा होगा कि कई बार बच्चों की हाइट, बाल, या अन्य शारीरिक रूप की रचना घर के किसी और सदस्य जैसी होती है. जानकारी के मुताबिक एक बच्चा अपने वंश के तीन पीढ़ी तक जीन का रंगत पा सकता है. 


जीन तीन पीढ़ी तक


माना जाता है कि जीन वंश के तीन पीढ़ी तक चलता है. इसलिए अगर आपके आस-पास बच्चे की रंगत, हाइट या अन्य कोई आदत आपके माता-पिता या दादा-दादी से मिलता है, तो उसमें आश्चर्य करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बच्चे के शरीर पर अधिकांश जीन का फर्क पड़ता है. 


 


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