माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.


बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ''मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई.''


समाजवादी पार्टी (सपा) ने अंसारी के निधन को दुखद बताया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताया है.


बांदा जेल में बंद अंसारी (63) को आज शाम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था.


रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज की ओर से देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है, ''आज रात लगभग 8:25 बजे जेल कर्मी बेहोशी की हालत में दोषी/विचाराधीन कैदी मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के आकस्मिक विभाग में लाए. नौ चिकित्सकों की टीम ने मरीज को तत्काल चिकित्सा प्रदान की. लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से मरीज की मौत हो गई.”


इससे पहले प्रमुख सचिव (सूचना) संजय प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से इस बात की पुष्टि की थी कि अंसारी को तबीयत खराब होने के कारण दोबारा भर्ती कराया गया हैं.


अंसारी को वहां ले जाने के तुरंत बाद अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे.


अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे और 2005 से उत्तर प्रदेश व पंजाब में जेल में बंद थे, उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे. उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतें सितंबर 2022 से उन्हें आठ मामलों में सजा सुना चुकी हैं और वह बांदा जेल में बंद थे. अंसारी का नाम पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था.


उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरे प्रदेश में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जैसे जिलों में पुलिस की टीम गश्त कर रही हैं.


समाजवादी पार्टी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ''पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो. विनम्र श्रद्धांजलि!''


बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताते हुए एक्स पर कहा, ''यूपी से पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला. परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.''


यादव ने कहा कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया.


उन्होंने लिखा, “प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता. संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.”


इससे पहले मंगलवार सुबह करीब चार बजे मुख्तार अंसारी को पेट दर्द, पेशाब और शौच में समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के बाद अंसारी को छुट्टी दे दी गई थी.


इससे पहले भी विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी के मुताबिक मुख्तार ने दावा किया था कि उन्हें दो बार खाने में जहर दिया गया है.


गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल ने मंगलवार को'पीटीआई-भाषा' को बताया था कि आज तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.


अफजाल ने मंगलवार को बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्तार को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया और वह होश में हैं.


अफजाल के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है.


उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है.


अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में 'धीमा जहर' दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है.


इस बीच, मुख्तार अंसारी की मौत के मद्देनजर राज्य सरकार ने पूरे राज्य में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है.


उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, 'कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में धारा-144 लागू कर दी गई है. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.'


इसके अलावा बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जिलों में फोर्स की विशेष तैनाती की गई है.


महानिदेशक ने कहा, 'इन जिलों में स्थानीय पुलिस के साथ केंद्रीय अनुसंधान पुलिस बलों की टीम तैनात की जा चुकी हैं.


जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करने के अलावा ऑनलाइन माध्यमों पर नजर रखने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ को सक्रिय कर दिया गया है.