इंसान आधुनिकता के नाम पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. हालांकि, इस दौड़ में उसने कई ऐसी चीजें कर दी हैं जो अब उसके अंत का कारण बन सकती हैं. इन्हीं कारणों में से एक कारण है सैटेलाइट्स यानी उपग्रह. इस वक्त पृथ्वी के ऊपर कई हजार सैटेलाइट मंडरा रहे हैं. इनमें से कुछ काम कर रहे हैं और कुछ कबाड़ हो गए हैं. इनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि इंसानों को अब डर सताने लगा है कि अगर ये सैटेलाइट कभी एक दूसरे से टकरा गए या पृथ्वी पर गिरने लगे तो क्या होगा.


फिलहाल कितने सैटेलाइट ऊपर मौजूद हैं


इंसानों ने स्पेस में सैटेलाइटों को भेजने की प्रक्रिया 1957 से शुरू कर दी थी. तब से लेकर अब तक हजारों उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जा चुके हैं. सक्रिय उपग्रहों की बात करें तो इस वक्त पृथ्वी की अलग अलग कक्षाओं में कुल 8700 उपग्रह सक्रिय हैं. आपको बता दें, पृथ्वी के ऊपर तीन कक्षाओं में उपग्रह मौजूद हैं. पहली कक्षा है निम्न कक्षा. इस कक्षा में कम से कम 5900 उपग्रह सक्रिय हैं. जबकि, दूसरी कक्षा है मध्यम कक्षा. यह कक्षा पृथ्वी से 10 हजार से 20 हजार किलोमीटर दूर मौजूद है. तीसरी कक्षा सबसे ऊपर मौजूद होती है. इस कक्षा की दूरी पृथ्वी से लगभग 30 से 35 हजार किलोमीटर दूरी होती है.


पृथ्वी के लिए खतरा हैं अंतरिक्ष के कबाड़


अंतरिक्ष में इंसान द्वारा फैलाए गए कचरे की बात करें तो इस वक्त 13 करोड़ से अधिक टुकड़े स्पेस में तैर रहे हैं. इस पूरे कचरे में 35 हजार तो ऐसे कचरे हैं जिनकी साइज 10 सेमी से अधिक है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर इसका समाधान जल्द नहीं ढूंढा गया तो आने वाले समय में ये एक भयावह रूप ले लेगी. सबसे बड़ी बात की अगर ये छोटे छोटे टुकड़े भी स्पेस से धरती की ओर गिरें तो उनकी रफ्तार की वजह से ये पृथ्वी पर मौजूद लोगों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.


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