दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों में से एक एवरेस्ट की चढ़ाई बड़े-बड़ों के बस की नहीं होती है. कई बार लोग इसकी चढ़ाई करते हुए अपनी जान गंवा देते हैं. इसकी चढ़ाई के लिए पहले आपको महीनों ट्रेनिंग लेनी पड़ती है, फिर कहीं जा कर आपको इसके लिए परमिशन मिलती है. हालांकि, आज हम आपको एवरेस्ट की चढ़ाई का प्रोसेस नहीं बताने वाले. बल्कि आपको हम आज उस शख्स की कहानी बताने वाले हैं जिसके दोनों पैर नहीं हैं और हाथों में सात उंगलियां नहीं हैं. इसके बाद भी इस शख़्स ने एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई पूरी कर ली.


कौन है ये आदमी


हम जिस खास आदमी की बात कर रहे हैं उसका नाम है एंड्रिया लैंफ्री (Andrea Lanfri). एंड्रिया साल 2015 में जब 29 साल के थे तब एक बीमारी के कारण उन्हें अपने दोनों पैर और हाथों की सात उंगलियां गंवानी पड़ी. इस दौरान वो इतने गंभीर रूप से बीमार हुए कि उन्हें सात महीने तक हॉस्पिटल में रहना पड़ा. इन सात महीनों में दो महीने तो ऐसे थे जब उन्हें कोमा में रहना पड़ा था.


हिम्मत ने बनाया विजेता


एंड्रिया लैंफ्री उन लोगों में से हैं जो कभी हार नहीं मानते. स्थिति कोई भी हो वो उससे लड़ना जानते हैं. दुनिया को जब लग रहा था कि एंड्रिया अब कुछ नहीं कर पाएंगे, तब एंड्रिया लैंफ्री स्प्रिंटर बनने का सपना देख रहे थे. उन्होंने अपना सपना पूरा भी किया और 2016-18 के वर्ल्ड पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में मेडल भी जीते.


बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड


गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एंड्रिया लैंफ्री एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जो कई अंगों से दिव्यांग हैं. अंग्रेजी में इसे Multiple Amputee कहते हैं. हालांकि, इससे पहले भी कई दिव्यांगों और दो अंगों से दिव्यांगों ने एवरेस्ट की चढ़ाई की है. लेकिन मल्टिपल अंगों से दिव्यांग के मामले में एंड्री लैंफ्री दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति हैं.


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