Ground Water: धरती का लगभग दो-तिहाई हिस्सा पानी से घिरा है. लेकिन इस पर मौजूद पानी का अधिकांश भाग महासागर में पाया जाता है. महासागरों में जो पानी मौजूद है वह खारा है जिसके चलते यह पीने के लिए ,खेती से संबंधित कामों के लिए और साथ ही उद्योगों के लिए भी उपयोगी नहीं है.


जहां तक पीने लायक पानी की बात है तो मीठे पानी का ज्यादातर भाग ग्लेशियर में पाया जाता है. जबकि कुछ भाग भूमिगत पानी के रूप में और नदियों, झीलों में पाया जाता है.


हम पानी का उपयोग नदियों, झीलों, तालाबों और भूमिगत जल के जरिए करते हैं. लेकिन क्या आपको पानी के एक ऐसे स्रोत के बारे में पता है जहां से पानी अपने आप जमीन से निकलता है.


यह आपको हैरान कर सकता है लेकिन यह सच है. पानी के ऐसे स्रोत को पातालतोड़ कुआं कहते हैं. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पाताल तोड़ कुएं के बारे में जानकारी देंगे-


पाताल तोड़ कुएँ के बारे में-


अधिकांश पाताल तोड़ कुएँ भारत के तराई क्षेत्र में पाए जाते हैं. पाताल तोड़ कुएँ ऐसे प्राकृतिक स्रोत होते हैं जिसमें जमीन से पानी अपने आप निकलता रहता है.इसका मतलब यह नहीं है कि पानी अपने आप ऊपर आ जाता है. इसके लिए इंसान को जमीन पर कुआँ खोदना पड़ता है जिसके बाद पानी अपने आप निकलने लगता है.


कैसे निकलता है जमीन से अपने आप पानी-


भारत भूमिगत जल का धनी है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कहीं भी जमीन से पानी निकाला जा सकता है.पाताल तोड़ कुएँ ज्यादातर तराई भागों में पाये जाते है.पानी जमीन के अंदर रिस-रिस कर जाता है क्योंकि जमीन की ऊपरी परत मुलायम होती है जबकि नीचे की परत कठोर होती है.


जिसके चलते पानी कठोर परतों से नीचे नहीं जा पाता और उसके ऊपर इकठ्ठा होता रहता है. जब जमीन की सतह पर कुएं की खुदाई की जाती है तो यही पानी अपने आप ही ऊपर की ओर आने लगता है. चूंकि सतह के नीचे काफी पानी जमा रहता है इसलिए पानी लगातार बहता रहता है.


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