उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा व्यवस्था में चूक का मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव की सुरक्षा में यह चूक हुई है. अखिलेश यादव पार्टी दफ्तर के उद्घाटन के लिए आजमगढ़ पहुंचे थे. उसी दौरान एक शख्स उनकी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर मंच की तरफ बढ़ने की कोशिश की. हालांकि, जब यह घटना हुई, तब सपा सुप्रीमो वहां मौजूद नहीं थे. उनकी सुरक्षा में मौजूद अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद उस शख्स को बाहर निकाल दिया. चलिए, आपको बताते हैं कि अखिलेश यादव को किस लेवल की सुरक्षा मिलती है और उनकी सुरक्षा में हर वक्त कितने जवान तैनात रहते हैं.
कौन करता है अखिलेश यादव की सुरक्षा
अखिलेश यादव की सुरक्षा व्यवस्था में हाल के वर्षों में कई बदलाव हुए हैं. 2019 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की तरफ से प्रदान की गई 'ब्लैक कैट' कमांडो सुरक्षा वापस ले ली थी, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ की सुरक्षा प्रदान की गई थी. अप्रैल 2025 में, समाजवादी पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अखिलेश यादव के लिए Z प्लस सुरक्षा के साथ-साथ NSG सुरक्षा बहाल करने की मांग की थी. इस समय अखिलेश यादव की सुरक्षा व्यवस्था उत्तर प्रदेश पुलिस संभालती है.
अखिलेश यादव को मिला था Z+ कवर
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए Z प्लस श्रेणी का कवर प्रदान किया था. Z प्लस सुरक्षा भारत की सबसे उच्च श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा में से एक मानी जाती है, जिसमें सुरक्षा के लिए भारी संख्या में कमांडो और सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं.
उनकी सुरक्षा में उस समय अत्याधुनिक हथियारों से लैस एनएसजी दस्ते के 22 कमांडो तैनात थे. साल 2019 में इस सुरक्षा व्यवस्था को कम कर दिया गया. अखिलेश यादव को Z प्लस सुरक्षा इसलिए दी गई थी क्योंकि वह एक प्रमुख राजनीतिक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री थे, जिन पर संभावित खतरों का आकलन किया गया था. उस दौरान पाया गया था कि उनको उतना ज्यादा खतरा नहीं है. अखिलेश यादव के साथ साथ बाकी कई नेताओं की सुरक्षा भी कम कर दी गई थी.
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