देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चुनाव आयोग आगामी महीने में होने वाली वोटिंग के लिए लगभग सभी तैयारियां कर चुका है. इस बार देश में सात चरणों में चुनाव होंगे, मतदान की प्रक्रिया 19 अप्रैल से एक जून तक चलेगी. वहीं चार जून को मतगणना की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में किन कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है. वहीं अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी नहीं करता है, तो उसके खिलाफ क्या किन नियमों के तहत कार्रवाई हो सकती है. 
 
चुनाव में ड्यूटी


देश में लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होती है. ये कर्मचारी और अधिकारी विभिन्न सरकारी विभागों, सरकारी स्कूल के शिक्षकों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और एलआईसी समेत विभिन्न उद्यमों जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से आते हैं. वहीं मतदान दलों में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी, सेक्टर और जोनल अधिकारी, माइक्रो-ऑब्जर्वर, सहायक व्यय पर्यवेक्षक, चुनाव में उपयोग किए जाने वाले वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर आदि शामिल होते हैं. 


सुरक्षा व्यवस्था


चुनाव के दौरान सुरक्षा और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य पुलिसकर्मी, सेक्टर और जोनल अधिकारी , रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी, जिला चुनाव अधिकारी और उनके कर्मचारी की होती है. ये सभी अधिकारी देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने-अपने जिलों में चुनाव कराने में मदद करते हैं. 


चुनाव ड्यूटी में होना जरूरी


बता दें कि चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त लोगों के अनुपस्थित रहने की कोई गुंजाइश नहीं होती है. क्योंकि अनुपस्थिति होने पर आयोग की ओर से दंड दिया जाता है. वहीं चुनाव कार्य में केवल उन्हीं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है, जो केंद्र या राज्य के स्थायी कर्मचारी हैं. इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ती है तो उन कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जा सकती है, जो रिटायर होने के बाद प्रतिनियुक्ति पर हैं. बता दें कि चुनाव कार्य में कांट्रैक्ट या दैनिक वेतनभोगी की ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है. वहीं अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं, तो चुनाव ड्यूटी में एक को छूट मिल सकती है. ऐसे में पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है. दंपती में से कोई एक बच्चों या अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा के लिए अपनी ड्यूटी हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. 


विदेश यात्रा की पूर्व-बुकिंग


हालांकि अगर किसी सरकारी कर्मचारी की पहले से ही विदेश यात्रा की योजना है, वह लोकसभा चुनाव की तारीखों से टकराती है. उस स्थिति में आप चुनाव ड्यूटी रद्द करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए यात्रा की पहले से बुकिंग होना जरूरी है. इसके अलावा अपने आवेदन में आपको टिकट और वीजा को यात्रा के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना होता है. 


गंभीर रोगी


इसके अलावा जो कर्मचारी गंभीर रोग से ग्रसित हैं, वे छूट मांग सकते हैं. इस मामले में भी संबंधित कर्मचारी को सभी आवश्यक चिकित्सा प्रमाण पत्र जमा करने होते हैं. 


 


ये भी पढ़ें: कितने महंगे होते हैं सड़क किनारे लगे पीले ब्लिंकर, यकीन मानिए एक की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश