फैक्ट चैक

निर्णय [असत्य]

यह वीडियो किसी असली घटना का नहीं है. मूल वीडियो में एक डिस्क्लेमर है, जिसमें बताया गया है कि इसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था.

(ट्रिगर वार्निंग: इस स्टोरी में उत्पीड़न के दृश्य हैं. पाठक विवेक का इस्तेमाल करें.)

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो लड़के एक सार्वजनिक बस में एक युवती को परेशान करते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में ये लड़के युवती को अनुचित तरीके से छूते हैं, इसके बाद एक अन्य यात्री उनसे भिड़कर उनके व्यवहार पर सवाल उठाता है. सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि यह वीडियो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का है, और वे कथित अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

एक एक्स यूज़र ने वीडियो को बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) के आधिकारिक एक्स को टैग करते हुए शेयर किया और लिखा  “दिल्ली में इन राक्षसों को जल्दी से ढूंढो.” इस फ़ैक्ट-चेक को लिखते समय, इस पोस्ट को 2.3 मिलियन व्यूज, 10,000 रीपोस्ट और 14,000 लाइक मिले थे. एक्स पर शेयर की गई अन्य पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.

यह वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया गया है, जिनके आर्काइव लिंक यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमने पाया कि यह दावा ग़लत है. वायरल क्लिप को एक स्क्रिप्टेड वीडियो से लिया गया है और इसे असल घटना के रूप में शेयर किया गया है.

सच्चाई कैसे पता चली?

गूगल सर्च करने पर हमें फ़रवरी 23, 2023 को ‘अमन बेनीवाल’ नाम के चैनल द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किए गए वायरल क्लिप का लंबा वर्ज़न मिला (आर्काइव यहां). "बस" शीर्षक वाले 13 मिनट के वीडियो में दो लड़के बस में उनके सामने खड़ी एक युवती को परेशान करते हुए दिखाई दे रहे हैं. सफ़ेद शर्ट पहने एक सहयात्री बीच-बचाव करता है और लड़कों से उनके व्यवहार के बारे में सवाल करता है. उनके बीच एक वर्बल झगड़ा होता है, जिसमें सफ़ेद शर्ट पहने हुए लड़का युवती से पूछता है कि उसने इस घटना के ख़िलाफ़ क्यों नहीं बोला. इसके बाद, वे सभी बस से उतरते हैं, और दोनों लड़के युवती से माफ़ी मांगते हुए दिखाई देते हैं. इस यूट्यूब वीडियो में 1:05 और 1:54 के टाइमस्टैम्प के बीच वायरल हो रहे दृश्य देख सकते हैं.

हमने नोट किया कि इस वीडियो में एक डिस्क्लेमर है, जो 0:27 पर एक सेकंड के लिए दिखाई देता है. इसमें लिखा है, "इस वीडियो में जो कंटेंट है, उसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से ही देखा जाए. इसमें दी गई जानकारी को सलाह या क्रेडिट विश्लेषण का स्रोत नहीं माना जाना चाहिए. इस वीडियो से प्रेरित होकर जो भी एक्शन आप लेते हैं, वह पूरी तरह से आपकी अपनी ज़िम्मेदारी है, और हम इस वीडियो में उपलब्ध जानकारी के उपयोग से जुड़े किसी भी नुकसान या हानि के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे. हम प्रत्येक व्यक्ति, पेशे और संगठन का सम्मान करते हैं. हम जो भी भूमिका निभाते हैं, वह केवल आपका मनोरंजन करने के लिए है और किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इरादा नहीं है."

वीडियो में दिखाई देने वाले डिस्क्लेमर का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: यूट्यूब/स्क्रीनशॉट)

हमने इस यूट्यूब चैनल पर मौजूद दूसरे वीडियो की भी जांच की और पाया कि यह मुख्य रूप से स्क्रिप्टेड कंटेंट शेयर करता है. वायरल क्लिप में सफ़ेद शर्ट पहने हुए व्यक्ति कई अन्य वीडियो में दिखाई देता है, जिन्हें यहां और यहां देखा जा सकता है.

हमें अमन बेनीवाल का फ़ेसबुक पेज (आर्काइव यहां) भी मिला, जो उसी यूट्यूब चैनल से जुड़ा है जिसने मूल रूप से वायरल क्लिप पोस्ट की थी. अकाउंट बायो में उन्हें 'डिजिटल क्रिएटर' के रूप में बताया गया है, और यूट्यूब चैनल पर दिखाए गए कुछ स्क्रिप्टेड कंटेंट को शेयर किया गया है. इससे यह पुष्टि होती है कि वीडियो अभिनय करने वाले कलाकारों द्वारा स्क्रिप्टेड और परफॉर्म किया गया है, न कि यह कोई वास्तविक घटना है.

निर्णय

सार्वजनिक बस में एक युवती को परेशान करने वाले दो लड़कों का एक स्क्रिप्टेड वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल हुआ है कि यह एक वास्तविक घटना है. मूल वीडियो को इस डिस्क्लेमर के साथ शेयर किया गया था कि इसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था.

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले Logically Facts पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]