नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (साजन कुमार/प्रत्यूष रंजन पीटीआई फैक्ट चेक) : देश में संविधान और डॉ. भीमराव आंबेडकर पर चल रही राजनीतिक बहस के बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक कथित वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. करीब 9 सेकंड की इस क्लिप में केजरीवाल कथित तौर पर कहते हैं, “जिसने संविधान लिखा होगा, उसने भी दारू पीकर ही संविधान लिखा होगा….” यूजर्स इस वीडियो को संविधान और इसके निर्माताओं का अपमान बताकर शेयर कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्होंने यह टिप्पणी बी.आर आंबेडकर के लिए की थी.

पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ. जांच में पता चला कि वायरल वीडियो नवंबर 2012 में केजरीवाल द्वारा राजघाट में दिये गए संबोधन का अधूरा हिस्सा है. मूल वीडियो में केजरीवाल ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान के संदर्भ में यह बात कही थी, जिसे सोशल मीडिया पर भारत के संविधान से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

दावा :

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर ‘राहुल आनंद’ नाम के एक यूजर ने 22 दिसंबर को एक क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “संविधान को दारू पीकर लिखा गया था, मतलब केजरीवाल के अनुसार अम्बेडकर साहेब ने संविधान दारू पीकर लिखी थीं.” पोस्ट का लिंकआर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें.

अनुपम मिश्रा ने लिखा, “जिसने संविधान लिखा है उसने दारू पीकर संविधान लिखा है, कट्टर संवैधानिक नेता अरविंद केजरीवाल” इस वीडियो को अब तक 34 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं, जबकि सैकड़ों यूजर इसे सच मानकर लाइक, कमेंट और शेयर कर रहे हैं. पोस्ट का लिंकआर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें.

इसके अलावा, भाजपा और कांग्रेस समर्थित हैंडल्स ने भी इस क्लिप को सोशल मीडिया पर समान दावे के साथ शेयर किया है. कुछ पोस्ट के लिंक यहां, यहां और यहां क्लिक कर देखें.

पड़ताल :

दावे की पुष्टि के लिए डेस्क ने वीडियो के 'की-फ्रेम्स' को रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें वीडियो का लंबा हिस्सा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ‘एक्स’ अकाउंट पर मिला. 

इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल कांग्रेस पार्टी के संविधान का हवाला देते हुए कहते हैं, "…इस दौरान मैंने सारी पार्टियों के संविधान पढ़ें हैं, कांग्रेस का संविधान कहता है, कोई कांग्रेसी शराब नहीं पीयेगा. तो हम लोग बैठे थे, कोई कह रहा था, जिसने संविधान लिखा होगा, उसने भी दारू पीकर ही संविधान लिखा होगा." पूरा वीडियो यहां क्लिक कर देखें.

संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें केजरीवाल के भाषण का पूरा हिस्सा ‘आम आदमी पार्टी’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला. वीडियो 3 दिसंबर 2012 को अपलोड किया गया था. विवरण में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो 25 नवंबर 2012 को राजघाट पर केजरीवाल के संबोधन के दौरान का है.

करीब 17 मिनट के इस वीडियो के 4 मिनट के बाद के हिस्से में केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संविधान को पार्टी की वेबसाइट पर अपलोड करने की बात करते हुए कहते हैं, "कल सुबह पार्टी की वेबसाइट का ऐलान किया जाएगा. नई वेबसाइट बन रही है वो वेबसाइट कल लॉन्च की जाएगी. उस वेबसाइट पर हम अपनी पार्टी का संविधान डाल देंगे. आप लोग भी उसे देखियेगा कि वो बाकी पार्टियों से कैसे अलग है. बाकी पार्टियों का संविधान झूठा है वो मानते ही नहीं है अपना संविधान….”

भाषण में कांग्रेस पार्टी के संविधान पर निशाना साधते हुए केजरीवाल कहते हैं, “.... इस दौरान मैंने सारी पार्टियों के संविधान पढ़ें हैं. कांग्रेस का संविधान कहता है कि कोई कांग्रेसी शराब नहीं पीयेगा.. तो हम लोग बैठे थे कोई कह रहा था, जिसने संविधान लिखा होगा उसने भी दारू पीकर ही संविधान लिखा होगा….” पूरा भाषण यहां क्लिक कर देखें.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर 'आम आदमी पार्टी' (आप) की औपचारिक घोषणा की थी. इससे ठीक एक दिन पहले यानी 25 नवंबर 2012 को उन्होंने राजघाट पर संबोधन के दौरान कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों पर निशाना साधा था. इससे जुड़ी रिपोट्स यहां और यहां क्लिक कर पढ़ें.

हमारी अब तक की जांच से यह साफ है कि मूल वीडियो में केजरीवाल ने नवंबर 2012 में राजघाट पर संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान के संदर्भ में यह बात कही थी, जिसे भारत के संविधान से जोड़कर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

दावा

संविधान को दारू पीकर लिखा गया था, मतलब केजरीवाल के अनुसार अम्बेडकर साहेब ने संविधान दारू पीकर लिखी थीं.

तथ्य

पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ.

निष्कर्ष

मूल वीडियो में केजरीवाल ने नवंबर 2012 में राजघाट पर संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान के संदर्भ में यह बात कही थी, जिसे भारत के संविधान से जोड़कर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले Press Trust of India पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]