निर्णय- असत्य




    वीडियो में पश्चिम बंगाल का एक श्रद्धालु परिवार यूपी के मथुरा में एक पुलिसकर्मी द्वारा उनके साथ की गई मारपीट और दुर्व्यवहार का ज़िक्र करता नज़र आ रहा है.


दावा क्या है?
एक लड़की का रोते हुए और पुलिस की ज़्यादती के बारे में बताते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह घटना पश्चिम बंगाल की है, जहां पुलिस ने कोलकाता आने वाले श्रद्धालुओं के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया. 


यह वीडियो एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है. यूज़र्स इस वीडियो के ज़रिये पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुरा-भला कह रहे हैं. (डिस्क्लेमर: वीडियो में अपशब्दों का प्रयोग है. पाठकों को विवेक की सलाह दी जाती है.)  ऐसे ही दावे वाले पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहांयहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.


हालांकि, यह वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के मथुरा का है. 


हमने सच का पता कैसे लगाया?
जब हमने संबंधित कीवर्ड के ज़रिये इस वीडियो के बारे में सर्च किया तो हमें यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स  के एक यूजर के पोस्ट पर मिला. इसे 26 फ़रवरी 2024 को पोस्ट किया गया था. इसमें दो वीडियो मौजूद हैं. पहले वीडियो में भीड़ एक पुलिसकर्मी को घेरे हुए है और दो युवतियों ने उसका गिरेबान पकड़ा हुआ है. दूसरे वीडियो में, उसी में से एक युवती को घटना का विवरण देते हुए दिखाया गया है. वीडियो के कैप्शन में बताया गया है कि यह घटना मथुरा की है, जिसमें दरोगा पर कोलकाता से आये श्रद्धालुओं के साथ मारपीट करने का आरोप है.


इसी पोस्ट के कमेंट सेक्शन में मथुरा पुलिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट का एक कमेंट भी है, जिसमें बताया गया है कि इस घटना के संबंध में दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्यवाई की गई है.


इसी घटना को लेकर मथुरा पुलिस ने 25 फ़रवरी को एसपी (रूरल) की बाईट भी पोस्ट की थी, जिसमें कहा गया है कि कोलकाता से कुछ श्रद्धालु अपनी टैक्सी से गोवर्धन में दर्शन के लिए आये थे. जब वे डीग अड्डे से गुज़र रहे थे तो वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मी से उनका कुछ विवाद हो गया था. इसकी जांच की जा रही है.


इस घटना के बारे में हमने मीडिया रिपोर्ट्स को सर्च किया, तो हमें 26 फ़रवरी, 2024 को प्रकाशित पीटीआई की रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि मथुरा में मंदिर में दर्शन करने आए पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति और उसके परिवार पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. रिपोर्ट में एसपी (रूरल) त्रिगुण बिसेन के हवाले से कहा बताया गया है कि कथित घटना रविवार शाम को हुई थी. राजेश कुमार पाण्डेय अपने परिवार के सदस्यों के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले से 'दर्शन' के लिए मथुरा आए थे.


रिपोर्ट में आगे बिसेन के हवाले से लिखा है कि राजेश कुमार पाण्डेय कथित तौर पर अपनी कार को गोवर्धन में प्रतिबंधित क्षेत्र से ले जाना चाहते थे, जबकि चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एनजीटी के निर्देशों का हवाला देते हुए उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई. 


रिपोर्ट में आगे लिखा है कि राजेश कुमार पाण्डेय ने आरोप लगाया कि सब-इंस्पेक्टर ने उनके और उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार भी किया. जब उनकी बेटियों प्राची और अर्चना ने इंस्पेक्टर को पकड़ लिया, तो उन दोनों को भी पीटा गया. एसएसपी शैलेश कुमार पाण्डेय ने प्रथम दृष्टया पूरे मामले के पीछे गोवर्धन थाने के सब-इंस्पेक्टर राजकुमार के व्यवहार को असल वजह मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया और डीएसपी आलोक सिंह को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया.


इसके बाद, हमने गोवर्धन के सीओ डीएसपी आलोक सिंह से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि की, “वायरल वीडियो में बताई गई घटना मथुरा के गोवर्धन इलाके में हुई थी. सब-इंस्पेक्टर राजकुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. फ़िलहाल उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच की जा रही है.”


निर्णय
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रद्धालुओं के साथ एक सब-इंस्पेक्टर के दुर्व्यवहार के बारे में बताती लड़की का वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि यह घटना पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई थी. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन, कंटेंट और फोटो में बदलाव करके रिपोर्ट को रिपब्लिश किया है.