फैक्ट चैक




    निर्णय [भ्रामक]

    यह वीडियो 2022 का है, जब अब्बास अंसारी ने यूपी चुनाव 2022 के दौरान विवादित भाषण दिया था. वीडियो उनके पिता की मृत्यु के बाद का नहीं है.


दावा क्या है?


बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी की कथित तौर पर 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. अंसारी ने अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां उन्हें बांदा जेल से लाया गया था. मुख्तार अंसारी के परिवार का आरोप है कि उन्हें ज़हर दिया गया.  इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें दावा किया गया कि मुख़्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी ने अपने पिता की मौत के बाद पुलिस अधिकारियों से 'बदला' लेने की धमकी दी है. वीडियो में, अब्बास अंसारी एक भीड़ को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसमें वह कहते हैं, "उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से छह महीने तक किसी का भी ट्रांसफर नहीं करने के लिए कहा है, पहले उनका हिसाब-किताब किया जायेगा और फिर उसके बाद ही किसी ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर मुहर लगाई जाएगी."


एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए और एक यूज़र ने लिखा, "तत्काल प्रभाव से संज्ञान लें @dgpup आतंकवादी मुख्तार अंसारी की मौत पर शोक पर मातम मनाने वाले मुख़्तार के बेटे को ही सुन लें एक बार 👇 अफ़सरों से "हिसाब" बराबर की खुली धमकी  को." पोस्ट को लिखे जाने तक 110,000 से ज़्यादा बार देखा गया है. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.



 


वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)


हालांकि, दावा भ्रामक है. यह वीडियो मुख्तार अंसारी की मौत के बाद का नहीं बल्कि यूपी चुनाव 2022 का है जब उनके बेटे अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था.


सच्चाई क्या है? 


वायरल क्लिप के कीफ़्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चला कि यह वीडियो मार्च 2022 का हैन्यूज़ एजेंसी एएनआई यूपी/उत्तराखंड के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल ने मार्च 3, 2022 को इसी वीडियो को शेयर किया था. अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से सपा गठबंधन के प्रत्याशी थे. उनके भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए मऊ के पुलिस अधीक्षक घुले सुशील ने कहा, "वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए, हमने मऊ सदर निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अब्बास अंसारी के ख़िलाफ़ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है."






 



टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी मार्च 4, 2022 को वीडियो शेयर करते हुए शीर्षक दिया, “अखिलेश भैया (भाई) से कहा कि छह महीने तक अधिकारियों का ट्रांसफर न करें क्योंकि 'हिसाब किताब' पहले होगा: मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी.”


इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि की और आदेश दिया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए अंसारी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की जाए. रिपोर्ट में कहा गया है कि मऊ विधानसभा में मतदान मार्च 7, 2022 को होना था और मतदान से कुछ दिन पहले ही वीडियो सामने आया था.


अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.


इसके अलावा, मऊ पुलिस ने भी 4 मार्च को एक बयान जारी कर घोषणा की कि अब्बास अंसारी केख़िलाफ़ आचार संहिता के उल्लंघन के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 171F और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.






 


इसके अलावा, हमारी जांच में सामने आया कि अब्बास अंसारी जेल में हैं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके. उनके परिवार के सदस्यों ने अब्बास अंसारी के लिए पैरोल की मांग की थी. हालांकि, वे उन्हें पैरोल नहीं मिली. अब्बास को पिछले फ़रवरी में कासगंज ज़िला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उन्हें पहले ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चित्रकूट जेल में रखा गया था.


निर्णय


यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान विवादास्पद भाषण देने वाले अब्बास अंसारी के एक पुराने वीडियो को उनके पिता मुख्तार अंसारी की मौत से जोड़कर शेयर किया गया है. उक्त वीडियो में अब्बास को अपने पिता की हालिया मौत का बदला लेने की धमकी देते हुए नहीं दिखाया गया है, बल्कि वह 2022 के यूपी चुनावों से पहले अधिकारियों को धमकी दे रहे थे. इसलिए, हम वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं.


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.