शनिवार यानी 9 सितम्बर को कौशल विकास घोटाला मामले में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन.चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया. भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद आंध्र प्रदेश में राजनीतिक बवाल देखने को मिल रहा है. 


कई नेताओं ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया. इस विरोध में जनसेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी टीडीपी ने नायडू की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार (11 सितंबर) को राज्यव्यापी बंद का आह्वान भी किया.


गिरफ्तारी के बाद क्या-क्या हुआ 


गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही यानी 10 सितंबर को ही चंद्रबाबू नायडू को कड़ी सुरक्षा के बीच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. ऐसे में इस खबर में जानते हैं कि आखिर ये स्किल डेवलपमेंट स्कीम क्या है जिसमें चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तार किया गया है. 


क्या है स्किल डेवलपमेंट स्कीम


पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को अपने कार्यकाल के दौरान स्किल डेवलपमेंट स्कीम में 371 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. चंद्रबाबू नायडू पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए न सिर्फ भ्रष्टाचार किया बल्कि कैबिनेट को भी धोखे में रखा. चंद्रबाबू नायडू सहित अन्य आरोपियों पर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन स्किल के अंतर्गत ठेके में गड़बड़ी करने, आम आदमी के पैसे का गलत इस्तेमाल करने और फर्जीवाड़े करने का आरोप लगाया गया है.


दरअसल अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत हैदराबाद और आस पास के क्षेत्रों के युवाओं को इंडस्ट्रीज में काम करने के लिए जरूरी स्किल सिखाई जाती थी. राज्य सरकार ने इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने का जिम्मा सीमेन्स (Siemens) नाम की कंपनी को सौंपा था. इस योजना के तहत 6 क्लस्टर्स बनाए गए. इस पूरे प्रोजेक्ट में 3,300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे. जिन 6 कलस्टर को बनाया गया था उसमें से हर एक क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे.


पूर्व सीएम ने कैबिनेट में जानकारी दी इस योजना के तहत राज्य सरकार कुल खर्च का 10 फीसदी यानी लगभग 370 करोड़ खर्च करेगी और बाृकी 90 प्रतिशत सीमेंन्स कंपनी खर्च करेगी. अब एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप है कि उन्होंने इस योजना पर सरकार की तरफ से खर्च किए जाने वाले 370 करोड़ रुपये को शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया और उन्हें पैसा ट्रांसफर करने से जुड़े सभी दस्तावेजों को नष्ट भी कर दिया गया.


किस धारा के तहत हुई चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी 


इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 (बी), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 201 और 109 के साथ  34 और 37 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पूर्व सीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.


फिलहाल इस पूरे मामले की जांच ईडी भी कर रही है. कुछ दिनों पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में समलित कंपनी की 31 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की थी. ईडी ने आरोप लगाया कि सरकारी योजना का पैसा शैल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया और फर्जी इनवॉइस भी तैयार की गई.


चंद्रबाबू नायडू ने अपनी गिरफ्तारी पर क्या कहा?


गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मैंने पिछले 45 वर्षों में निस्वार्थ भाव से तेलुगु भाषी लोगों की सेवा की है. मैं तेलुगु लोगों के हितों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हूं. कोई दबाव नहीं है. दुनिया की कोई ताकत मुझे तेलुगु लोगों, मेरे आंध्र प्रदेश और मेरी मातृभूमि की सेवा करने से नहीं रोक सकती है.’’  


उन्होंने साथ ही अपनी गिरफ्तारी के दौरान लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की भी अपील की. नायडू ने कहा, ‘‘अंततः सत्य और धर्म की विजय होगी. वो मेरे साथ कुछ भी करें, मैं लोगों के लिए आगे बढ़ूंगा.’’


 नेताओं ने किया प्रदर्शन 


नायडू की गिरफ्तारी के बाद से तेलगू देशम पार्टी के नेताओं ने चित्तूर जिले के उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम में विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी के कई नेता भूख हड़ताल पर भी बैठ गए. 


टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश ने लोगों को लिखे एक खुले पत्र में कहा, "मैं दर्द से भारी दिल और आंसुओं से नम आंखों के साथ आज आपको लिख रहा हूं. मैं अपने पिता को आंध्र प्रदेश और तेलुगू लोगों की भलाई के लिए अपना दिल और आत्मा लगाते हुए देखकर बड़ा हुआ हूं. उन्हें कभी भी आराम का दिन नहीं मिला,  लाखों लोगों की जिंदगी बदलने के लिए अथक प्रयास कर रहा हूं.''


वहीं जन सेना पार्टी (जेएसपी) के नेता पवन कल्याण ने भी इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा, 'क्योंकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी जेल गए हैं, इसलिए वह अन्य सभी को भी जेल में देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "हम अपनी जान दे देंगे लेकिन राज्य की रक्षा करेंगे."


बीजेपी और जनसेना पार्टी के नेताओं ने क्या कहा


पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू पर हुई पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष दुग्गुबती पुरनदेश्वरी ने कहा, 'तेदपा नेता की गिरफ्तारी बिना किसी पूर्व नोटिस के की गई और उनका नाम भी प्राथमिकी में नहीं था. उन्होंने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया क्योंकि नायडू से जवाब तलब नहीं किया गया था.'


बीजेपी की स्थानीय स्तर पर साझेदार जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण ने नायडू की गिरफ्तारी को ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ करार दिया. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘राज्य सरकार बिना किसी सबूत के आधी रात को गिरफ्तारी का सहारा ले रही है. हमने देखा है कि इस सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में विशाखापत्तनम में जनसेना पार्टी के साथ कैसा व्यवहार किया था. जनसेना चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की निंदा करती है.’’


चंद्रबाबू नायडू ने किया मीडिया से अनुरोध


इस बीच, नायडू की पत्नी भुवनेश्वरी ने कहा कि वह देवी दुर्गा से अपने पति की सलामती की प्रार्थना करेंगी जो राज्य के लोगों के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि नायडू के साथ खड़े रहें क्योंकि वह आप सभी के लिए लड़ रहे हैं और इसमें उनकी जीत होनी चाहिए.’’


बिना नोटिस इश्यू किए क्यों हुई गिरफ्तारी


राज्य सरकार के सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि आर्थिक अपराधों में गिरफ्तारी से पहले नोटिस देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि नायडू के ‘घोटाले’ से तार जुड़े होने के पुख्ता सबूत हैं.


चंद्रबाबू नायडू के गिरफ्तारी का चुनाव में किसे मिलेगा फायदा 


पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर अनुज दास ने एबीपी से बातचीत करते हुए कहा कि अगर इस पूरे मामले के राजनीतिक पहलू को देखें तो देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का फायदा कहीं न कहीं बीजेपी को मिल सकता है. दरअसल इस गिरफ्तारी के बाद चंद्रबाबू नायडू की मोलभाव करने की क्षमता कम हो जाएगी. 


दूसरी बात ये कि भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण के राज्यों में एक कंधे की जरूरत है. बीजेपी इस बार दक्षिण के राज्यों में ज्यादा दिलचस्पी ले रही है. खासकर यह पार्टी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में अपनी पकड़ बनाना चाहती है. यही कारण है कि चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर बीजेपी कहीं न कहीं टीडीपी का साथ दे रही है.  


पिछले कुछ समय से बीजेपी चंद्रबाबू नायडू को खास तवज्जो भी दे रही है. हाल ही में राष्ट्रपति भवन में चंद्रबाबू नायडू की बहुत ही अच्छी आवभगत की गयी थी. हालांकि अब तक दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है. इसकी कई वजह भी हो सकती हैं. हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी और टीडीपी के बीच सीट को लेकर कोई आपसी सहमति नहीं बन पा रही हो. ऐसे में अब बीजेपी को टीडीपी का साथ मिल सकता है. ऐसे में हो सकता है कि एक पार्टी के तौर पर बीजेपी का फायदा ही हो.