India-China Standoff: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले 17 महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों के बीच अबतक 13 दौर की मीटिंग हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. आज भी स्थिति ज्यों की त्यो ही बनी हुई है. चीन की सेना के साथ रविवार को करीब साढ़े आठ घंटे तक चली 13वें दौर की वार्ता के दौरान भी पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकल पाया. वहीं चीन की चालबाजी कम नहीं हो रही है.


चीन की चालबाजी समझिए
13वें दौर की बैठक से एक दिन पहले चीन के सरकारी पत्रकारों ने गलवान घाटी की हिंसा में बंधक बनाए गए भारतीय सैनिकों की तस्वीरें जारी कर दी थी. इन तस्वीरों में चीनी सेना की हिरासत में घायल भारतीय सैनिक और उनके हथियार दिखाई पड़ रहे हैं. चीन के कुछ सरकारी पत्रकारों ने गलवान घाटी की हिंसा की करीब 16 महीने बाद तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी कर ये दिखाने की कोशिश की कि उस लड़ाई में चीन की पीएलए सेना ने भारत के सैनिकों को बंधक बनाया था.


पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की ओर से सैन्य जमावड़ा
वहीं पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की ओर से सैन्य जमावड़ा और व्यापक पैमाने पर तैनाती बनी हुई है. हाल ही में सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने कहा था कि नए बुनियादी ढांचे का विकास चिंता का विषय है और भारत चीनी पीएलए की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है. नरवणे ने कहा कि यदि चीनी सेना दूसरी सर्दियों के दौरान भी तैनाती बनाए रखती है, तो भारतीय सेना भी अपनी तरफ अपनी मौजूदगी बनाए रखेगी जो 'पीएलए के समान ही है'.


तवांग में कुछ देर के लिए आमने-सामने आ गए भारतीय, चीनी सैनिक
बीते हफ्ते ही भारतीय और चीनी सैनिक पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से के पास कुछ देर के लिए आमने-सामने आ गए थे और इसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद सुलझाया गया. समझा जाता है कि यह नोंकझोंक उस वक्त हुई जब चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की और चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को वापस भेज दिया गया.


चीन के साथ 13वें दौर की बैठक क्यों बेनतीजा रही
भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें दौर की बैठक बेनतीजा रही. भारतीय सेना ने कहा है कि मीटिंग के दौरान एलएसी के बाकी इलाकों में तनाव खत्म करने को लेकर चर्चा हुई, लेकिन बैठक बेनतीजा ही रही. हालांकि भारतीय सेना ने चीन को दो टूक कहा है कि चीन इलाके में शांति बहाल करने के लिए पीछे हट जाए.


भारतीय सेना ने बयान में कहा, 'मीटिंग के दौरान एलएसी के बाकी इलाकों में तनाव खत्म करने को लेकर चर्चा हुई. भारत ने साफ तौर से कहा कि एलएसी के ऐसे हालात चीन की तरफ से एक-तरफा कारवाई (घुसपैठ) से पैदा हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच हुए करार का उल्लंघन है‌. इसलिए चीन को ऐसे कदम उठाने चाहिए (पीछे हटने के लिए) ताकि एलएसी पर शांति बहाल की जा सके.' सेना ने बताया है कि चीनी प्रतिनिधिंडल को ‌ये प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ, इसलिए मीटिंग बेनतीजा रही‌.


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