साल 1981 में रिलीज हुई यश चोपड़ा की चर्चित फिल्म 'सिलसिला' की कास्टिंग से लेकर, गाने के म्यूजिक तक हर चीज ने इस फिल्म ने दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित किया. ये वो फिल्म थी जिसमें जया बच्चन, अमिताभ बच्चन और रेखा के रिश्ते को दुनिया के सामने उजागर कर दिया था. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक अपना जलवा नहीं दिखा पाई थी लेकिन बाद में दर्शकों ने इस फिल्म को बेहद पसंद किया जिसके बाद आज भी ये फिल्म हिंही फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन फिल्मों में शामिल है. इस फिल्म का संगीत लोगों को बहुत पसंद आया था लेकिन इस फिल्म के कई गानों के पीछे भी मजेदार किस्से हैं.



दरअसल, फिल्म की शूटिंग चल रही थी, सारी तैयारियां लगभग हो ही चुकी थीं, मगर फिल्म के संगीत पर आकर सारी बातें अटक रही थीं. वहीं फिल्म के डायेक्टर यश चोपड़ा फिल्म को एक रोमांटिक पोएटिक फिल्म बनाना चाहते थे और इसीलिए इस फिल्म के म्यूजिक के लिए वो साहिर लुधयानवी के पास पहुंचे, मगर कुछ ही समय पहले साहिर की मां का देहांत हुआ था जिसकी वजह से वो बेहद दुखी थे. उस वक्त साहिर काम नहीं करना चाहते थे इसीलिए उन्होंने यश जी को इस फिल्म में म्यूजिक देने के लिए मना कर दिया. साहिर के इंकार के बाद यश जावेद अख्तर के पास पहुंचे क्योंकि जावेद फिल्मों के साथ-साथ कविताएं भी लिखते थे. हालांकि जावेद के कई बार इंकार करने के बाद यश चोपड़ा ने उन्हें गाना लिखने के लिए मना ही लिया. ये पहली बार था जब जावेद अख्तर ने किसी फिल्म के लिए गाना लिखा था. ये गाना था ‘देखा एक ख्वाब’. जब गाना बना तो लोगों को बेहद पसंद आया.


अब सवाल था फिल्म के बाकी गानों का तो इसके लिए संतूर वादक शिव कुमार शर्मा और बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया को ये मौका दिया गया. बतौर म्यूज़िक डायरेक्टर ये उनकी पहली फिल्म थी. इतने बड़े लेवल पर फिल्म को बनाने की तैयारियां खूब जोरों से चल रही थी लेकिन म्यूज़िक डायरेक्टर और लिरिसिस्ट दोनों ही नए लिए गए थे. इस फिल्म में सात गाने थे जिनमें से दो को अमिताभ ने जुड़वाया था.



ये बात है साल 1975 की यानि फिल्म 'सिलसिला' के बनने से 6 साल पहले की. उस वक्त अमिताभ बच्चन और शम्मी कपूर बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘ज़मीर’ की शूटिंग बैंगलोर में कर रहे थे. शम्मी कपूर को एक्टिंग के साथ-साथ म्यूज़िक का भी बहुत शौक था, अपने इसी शौक की वजह से वो अक्सर नई धुनें और गाने बनाते रहते थे. जब फिल्म की शूटिंग खत्म होती तो शम्मी कपूर महफिल सजाकर बैठते और अपना संगती लोगों को सुनाते. अमिताभ भी अपना गिटार लेकर उनका खूब साथ देते थे. ऐसे में एक दिन किसी लोकगीत से इंस्पायर होकर शम्मी कपूर एक गाना बना डाला, जब अमिताभ ने उनकी ये धुन सुनी तो उन्हें बहुत पसंद आई. तब तो इस बारे में कोई बात नहीं हुई लेकिन 6 साल के बाद जब 'सिलसिला' बनी तो उस वक्त अमिताभ ने शम्मी कपूर को फोन करके उनकी वही धुन अपनी फिल्म के लिए मांग ली. उस वक्त शम्मी कपूर को अपना 6 साल पुराना वो गाना याद भी नहीं था, तब उन्होंने अमिताभ से कहा- 'वो गाना तुम्हारा है, तुम्हें जो करना है करो'. क्या आप जानते हैं वो गाना कौनसा था? वो गाना था ‘नीला आसमान’. आपको बता दें कि इस गाने के अलावा फिल्म का सबसे हिट गाना ‘रंग बसरे भीगे चुनर वाली’ को फिल्म में शामिल करने का सुझाव भी अमिताभ का ही था. ये गाना अमिताभ के पिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन की लिखी हुई एक कविता थी.


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