रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक 'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाकर अपार लोकप्रियता हासिल करने वाले अरुण गोविल ने हाल ही में बीजेपी का दामन थाम लिया है. अरुण गोविल को बीजेपी अभी क्या भूमिका देती है यह तो साफ नही है लेकिन बंगाल विधानसभा चुनाव करीब है और ज्यादा संभावना यही है कि उन्हें चुनाव प्रचार में उतारा जा सकता है.


पिछले लंबे समय से अरुण गोविल बड़े या छोटे पर्दे पर नजर नहीं आए हैं. अरुण गोविल ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1977 में आई फिल्म 'पहेली' से की थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया जैसे- सावन को आने दो, सांच को आंच नहीं आदि.


हालांकि फिल्मों में उनका सफर बहुत कामयाब तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन काम मिलता रहा. अरुण गोविल के लिए 1987 का साल लोकप्रियता और खुशियों का खजाना लेकर आया. इस साल दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर का ‘रामायण’ सीरियल अपने आप में एक इतिहास बन गया. इस सीरियल के कलाकार घर-घर पहचाने जाने लगे. अरुण गोविल ने इसमें भगवान राम का किरदार निभाया था.


लोगों के दिमाग में बैठ गई राम वाली छवि


लेकिन यह ऐतिहासिक कामयाबी भी अरुण गोविल के एक्टिंग करियर को ज्यादा आगे नहीं बढ़ा सकी. वजह थी उनके भगवान राम वाली छवि. वे किसी दूसरे किरदार में उतने प्रभावी साबित हो ही नहीं पाए. हालांकि अपने तरफ से उन्होंने पूरी कोशिश की लेकिन शायद लोगों के दिल और दिमाग में उनके राम वाली छवि ही बैठी हुई थी.


रामायण के बाद अरुण गोविल को भगवान बुद्ध, शिव, राजा हरीशचंद्र जैसे किरदार जरूर मिले और उन्होंने उन्हें बखूबी निभाने का प्रयास भी किया. कुछ क्षेत्रिय फिल्मों में भी उन्होंने काम किया. अरुण गोविल की राजनीति में आने की चर्चा अक्सर होती रहती थी.


उन्हें कभी कांग्रेस का करीबी भी माना जाता था और कहा जाता था वह इंदौर से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अब इन अटकलों पर उन्होंने खुद ही विराम लगा दिया है. वह अब बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे है.


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