The Great Indian Kapil Show Review: इस बार द ग्रेट इंडियन कपिल शो की शुरुआत गोलगप्पा या पानी पूरी से हुई. 50 मिनट का ये एपीसोड पुराने एपीसोड्स पर हर मामले में भारी पड़ा. सब कुछ बैलेंस था. कहीं ये नहीं लग रहा था कि चीजें या तो बिना मतलब की जा रही हैं या फिर जबरन.


पूरा शो गोलगप्पे की तरह ही हल्का तीखा, कुछ-कुछ मीठा और कभी-कभी खट्टा स्वाद देकर गया. कुल मिलाकर मजा आया. कपिल शर्मा का शो पिछले एक दशक से इसीलिए जाना भी जाता है. बीच में उठी शो से जुड़ी नेगेटिव बातों का असर शो में ये पड़ा कि शो पहले से कहीं ज्यादा बेहतरीन तरीके से पेश किया गया.


शो के शुरुआत में ही दिख गया था कि मजा आने वाला है
गोलगप्पे का ठेला लेकर खड़े कपिल शर्मा जब हीरामंडी की कास्ट को गोलगप्पे खाने के लिए कहते हैं, तो वो बोलते हैं -'अगर बेबी बोलोगी तो 20 रुपये प्लेट, जानू बोलोगी तो 10 रुपये प्लेट. लेकिन अगर भइया बोल दिया तो 10 लाख रुपये प्लेट मिलेगी.' ये पूरा डायलॉग पढ़ने में भले नॉर्मल सी बात लग रही हो, लेकिन कपिल शर्मा के पंच के साथ जब सोनाक्षी सिन्हा की बेबाकी मिलती है, तो हंसी आ जाती है. इस तरह से ये एपीसोड शुरुआत से ही बेहतरीन बनता जाता है.






नहीं दोहराई गईं पिछली गलतियां
पहले के कुछ एपीसोड्स ऐसे लगे जैसे कोई टॉक शो हो. जिसमें सिर्फ आए हुए मेहमानों की पर्सनल लाइफ की बातें जानने के लिए बुलाया गया है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इस बार वही टीवी वाले कपिल शो का तरीका अपनाया गया. जहां आए मेहमान के साथ मस्ती-मस्ती में कुछ मजेदार बातें तो की जाती थीं, लेकिन सिर्फ उन्हीं के बारे में ही पूरा एपीसोड डिवोटेड नहीं किया जाता था.


हीरामंडी की टीम से मनीषा, सोनाक्षी, अदिति समेत बाकी की एक्ट्रेस आईं. उनसे हीरामंडी से जुड़े सवाल-जवाब हुए, जो काफी क्रिस्प थे. सिर्फ हीरामंडी पर केंद्रित न करके ये शो हंसाने पर ही केंद्रित रहा. इसलिए और बेहतरीन बन पड़ा.


टीम के बाकी कॉमेडियन्स जबर्दस्ती ठूंसे हुए नहीं लगे
हर बार होता ये था कि टॉक शो तो लंबा चलता ही था. साथ में ही अचानक से जबरन के फिलर की तरह सुनील ग्रोवर और कृष्णा अभिषेक जैसे बेहतरीन कॉमेडियन का इस्तेमाल किया जाता था. इन्हें फिलर की तरह इस्तेमाल करना शो को बोझिल बनाता था, क्योंकि मेहमान के साथ चल रही इमोशनल किस्सों वाली बातों के बीच इनका आना शो के फ्लो को तोड़ता था.


ऐसा लगता था कि जैसे मजबूरी है इन्हें भी लाने की. इस बार ऐसा नहीं था. पूरा शो इस तरह से लिखा गया कि कीकू शारदा, सुनील ग्रोवर और कृष्णा अभिषेक फिलर न लगकर शो की जरूरत लगे. उनके पार्ट्स हंसाने में कामयाब रहे. कृष्णा अभिषेक का चुन्नी बाबू बनना और कीकू शारदा का चंद्रमुखी, शो की खास यूएसपी रही. कीकू का एक सीन है जहां वो ख़त (लेटर) को नुक्ते के साथ बोलते हैं. ये सीन अपने आप में एपिक था.


ऑडियंस के साथ-साथ वहां बैठे मेहमानों की भी हंसी छूट गई. कुछ बहुत छोटे-छोटे से पंच इतने बढ़िया बन बैठे हैं कि बस वीडियो को 10 सेकेंड बैक जाकर देखने का मन कर जाए. 


डफली बने सुनील ग्रोवर बेहतरीन लगे
सबसे खास बात ये है कि कभी चुंबक मित्तल बनकर तो कभी डफली बनकर आते सुनील ग्रोवर हर बार हंसाते ही थे. लेकिन पिछले एपीसोड्स में उनका इस्तेमाल उतना बेहतरीन नहीं हो पाया था, जितना इस बार हुआ. इस बार डफली के अंदर वही वाला कॉमेडियन दिखा जो गुत्थी के अंदर दिखता था. उनके मुंह से बोले गए पुराने और सुने-सुनाए चुटकुले भी उनकी कॉमिक टाइमिंग की वजह से बढ़िया लगे.


हालांकि, एक चीज समझ नहीं आती कि राजीव ठाकुर को हर एपीसोड की तरह इस एपीसोड में भी सिर्फ फिलर की तरह ही इस्तेमाल क्यों किया गया है. इस बार भी उनको सिर्फ इसलिए दिखाया गया ताकि लोगों को पता चल सके कि वो भी हैं इस शो में. बाकी उनके पास करने के लिए कुछ भी नहीं था.


हीरामंडी से जुड़ी खूबसूरत कहानियां भी मिलीं सुनने को
हीरामंडी टीम ने सीरीज और संजय लीला भंसाली से जुड़ी खूबसूरत और दिलचस्प कहानियां भी सुनाईं. टीम ने बताया कि संजय लीला भंसाली हर एक चीज की डिटेलिंग पर इतना ध्यान देते हैं कि कोई और दे भी नहीं सकता.



  • उन्होंने बताया कि अगर कैमरे में एक्टर के कपड़े का कोई एक्स्ट्रा धागा भी दिख जाए तो वो सीन बंद करवाके उस धागे को हटवाते हैं.

  • टीम ने एक दिलचस्प बात ये भी बताई कि संजय बैकग्राउंड में पड़े पर सिलवट या सिकुड़न भी देख लेते हैं, तो वो सीन दोबारा से शूट करवाते हैं. और यही बात है कि उनका क्राफ्ट इतना बेहतरीन बन जाता है. 

  • कपिल के पूछने पर एक और दिलचस्प बात भंसाली की भतीजी शर्मिन सेगल ने बताई. उन्होंने बताया कि भतीजी होने के बावजूद सीरीज में उनके रोल के लिए 16 बार ऑडिशन देना पड़ा था.

  • मनीषा ने भी बताया कि उन्होंने ठीक 28 साल बाद भंसाली के साथ काम किया है. इसके पहले उन्होंने 28 साल पहले आई 'खामोशी' में भंसाली के साथ काम किया था.


आखिर में कपिल के इस एपीसोड को 5 में से अगर 4 स्टार दिए जाएं तो गलत नहीं होगा. बस कमी ये रह गई कि कपिल शर्मा के शो की शुरुआत इस तरह के एपीसोड से की जाती तो जो बज बना था, वो सच में कन्वर्ट होकर शो की रेटिंग जरूर बढ़ा देता. अगले एपीसोड में एड शीरन आने वाले हैं, जिसकी झलक इस एपीसोड के लास्ट में दिखाई भी गई है. तो उम्मीद है कि कपिल उस तरह से फिर से हंसा पाएंगे जिसके लिए वो जाने जाते हैं.


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