The Broken News Season 2 Review: जब आपके साथ कुछ बुरा होता है तो जाहिर सी बात है उस पर आपका भी रिएक्शन आएगा लेकिन अगर आप एक पत्रकार या एक्टर हैं तो कैमरा ऑन होने के बाद आपको सब भूलकर एक अलग इंसान बनना पड़ता है और अपने काम को पूरा करना होता है. पर जो दिल-दिमाग में चल रहा है उसका क्या? बस ऐसा ही कुछ दिखाया गया इस बार The Broken News के नए सीजन में. इस शो का पहला सीजन बहुत पसंद किया गया था जहां न्यूजरूम में हुई हलचल, सबसे पहले स्टोरी करने की वो होड़ और इसी बीच दो चैनल में किस हद तक कॉम्पीटीशन हो सकता है वो दिखाया गया था पर क्या दूसरा सीजन भी बना है उतना दमदार, चलिए जानते हैं.


कहानी
शो के पहले सीजन में दिखाया था कि ऑपरेशन अम्ब्रेला के खिलाफ आवाज उठाने वाली राधा भार्गव को जेल जाना पड़ा था. अब दूसरा सीजन वहीं से शुरू होता है जहां एक महीने से राधा जेल में है और बाहर आवाज भारती और जोश 24/7 की अपने अपने सच को दिखाने की जंग चल रही है जहां दीपांकर राधा पर लगातार निशाना भी साधता दिखता है. खैर, राधा के जैसे तैसे बाहर आने के बाद कैसे बदलता है उसका जर्नलिज्म करने का तरीका, क्यों होती है राधा और अमीना में सरे आम लड़ाइयां और इसी बीच दीपांकर के जोश 24/7 में कौन आता है नया कॉम्पीटीशन बनकर, ये सब देखते हैं आप इस नए सीजन में जो कहानी को एक अलग ही डायरेक्शन में लेकर जाता दिखाई देता है.


कैसी है सीरीज?
जहां बहुत से शोज आजकल वैसे आते हैं जिनके सीजन 1 तो अच्छे होते हैं लेकिन सीजन 2 वो इम्पैक्ट नहीं छोड़ पाते, वहीं The Broken News के नए सीजन में जर्नलिज्म के एक अलग ही एंगल को दिखाने की कोशिश की गई जहां बात सही और गलत के बीच के अंतर की है. जिन्होंने सीजन 1 देखा है वही सीजन 2 को समझ पाएंगे इसलिए अगर आपने पहला सीजन नहीं देखा है तो वो देख लें. दूसरी बात, ये कहानी को आमतौर पर पत्रकारिता की फिल्ड में काम करते लोग ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे लेकिन फिर भी अगर आपको थ्रिलिंग और ग्रिपिंग कहानियों में दिलचस्पी है तो आप इसे देख सकते हैं.


यहां इस पहलू को बखूबी दिखाया गया कि कभी कभी कई स्टोरीज ऐसी होती हैं जहां सही और गलत से ज्यादा रिपोर्टर अपनी सेफ्टी देखता है, और एक स्टोरी के पीछे कई बड़े लोगों का हाथ हो सकता है. इस सीजन में जर्नलिज्म के कम्पीटीशन, एथिक्स, सरकार का बड़े स्तर पर हाथ, धोखा और ऐसे ही कई ऐंगल्स को बखूबी दिखाया गया है. तीन एपिसोड के बाद कहानी थोड़ी ढीली पड़ती नजर आती है जब वही राधा और अमीना के बीच की न्यूजरूम जंग दिखती है लेकिन पांचवे एपिसोड से फिर से कहानी में इंटरेस्ट बनना शुरू हो जाता है जो क्लाइमेक्स तक बना रहता है.


एक्टिंग
पहले सीजन की तरह इस सीजन में भी सोनाली बेंद्रे ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है, इन फैक्ट पहले सीजन से ज्यादा अच्छा काम किया है. अमीना कुरैशी के किरदार को उन्होंने जिया है। उनके किरदार में सच को किसी भी हाल में दिखाने की भूख आपको बहुत पसंद आएगी. वहीं, उनके विपक्ष में खड़े दीपांकर सान्याल बने जयदीप अहलावत पहले से भी ज्यादा ताकतवर दिखे और उन्होंने दिखाया कि पाताल लोक के हाथी राम का रोल हो या दीपांकर सान्याल का, वो हर तरह से अपना बेस्ट ही देंगे. इस बार कहानी का सबसे ज्यादा फोकस रहा राधा बनी श्रिया पिलगांवकर और उन्होंने कमाल का काम किया है. चाहे अपनी बॉस अमीना से सबके सामने लड़ना हो या अमीना के लिए अपनी जान जोखिम में डालदेना, सभी जगह श्रिया फॉर्म में दिखीं. बाकि इस न्यूज रूम वार, सच-झूठ और सिस्टम की इस लड़ाई में सभी एक्टर्स ने अपने-अपने रोल को बेहतरीन तरीके से निभाया है.


डायरेक्शन और एडिटिंग
पहले सीजन की तरह इस सीजन का डायरेक्शन भी विनय वैकुल ने संभाला। न्यूज रूम वार, टीआरपी, सिस्टम से जुड़े अहम सवालों पर मीडिया हाउस में चलने वाली कोल्ड वार को उन्होंने इसमें बेहतरीन तरीके से दिखाने की कोशिश की है और वो इतना रियल लगता है कि आप खुद को इस मीडिया हाउस का हिस्सा मानने लग जाते हो. बीच में कहानी रिपीट होती हुई दिखती है जहां राधा और अमीना के बीच की कोल्ड वॉर चलती है और ये कमी डायरेक्शन से ज़्यादा राइटिंग में है जो बेहतर हो सकती थी. बाकि एडिटिंग, प्रोडक्शन क्वालिटी सभी अच्छी हैं. 


जिन्हें पत्रकारिता में इंटरेस्ट है उन्हें काफी हद तक न्यूजरूम की सच्चाई दिखा देती है ये कहानी. बाकि एक्टर्स की एक्टिंग भी है एक वजह जिसके लिए आप इसे देख सकते हैं. इसके साथ ही कमाल के ट्विस्ट और टर्न्स बनाते हैं The Broken News सीजन 2 को बिंज वॉच करने के लायक.


रेटिंग- 5 में से 3.5 


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