बॉलीवुड के लीजेंड्री कॉमेडियन्स को जब जब याद किया जाएगा तो उनमें जॉनी वॉकर(Johnny Walker) का नाम हमेशा टॉप में लिया जाएगा. अपने चेहरे के कमाल के एक्सप्रेशंस, डायलॉग डिलिवरी और सिंपल लेकिन प्रभावी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों में अलग जगह बनाने वाले जॉनी वॉकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. आपको बता दें कि 11 नवंबर 1920 को इंदौर में जन्मे जॉनी वॉकर का निधन 29 जुलाई,2003 को मुंबई में हुआ था. उनका असली नाम बदरूदीन जमालुदीन था.




बचपन से ही जॉनी को एक्टिंग में दिलचस्पी थी और वह एक्टर बनने के सपने देखा करते थे. 1942 में जॉनी का पूरा परिवार इंदौर से मुंबई आकर बस गया. परिवार बेहद गरीब था इसलिए जॉनी केवल छटवीं क्लास तक ही पढ़ पाए. 10 भाई-बहनों में दूसरे नंबर के जॉनी परिवार को आर्थिक मदद करने के लिए कम उम्र में नौकरी करने लगे.वह मुंबई की बेस्ट की बसों में कंडक्टर बन गए. बस कंडक्टर के तौर पर जॉनी को 26 रुपए महीने की सैलरी मिला करती थी. कंडक्टर की नौकरी करते हुए जॉनी को कई बार बस से ही फ्री में फिल्म स्टूडियो जाने का चांस मिल जाता था. इसी दौरान उनकी मुलाकात एक बार जाने-माने विलेन एन.ए.अंसारी और डायरेक्टर के.आसिफ के सेक्रेटरी से हुई. कुछ महीनों के स्ट्रगल के बाद आखिरकार जॉनी को फिल्म 'आखिरी पैमाने' में काम मिला.




जॉनी वॉकर के बारे में एक दिलचस्प किस्सा ये मशहूर है कि एक बार उन्होंने गुरु दत्त के सामने एक शराबी की एक्टिंग कर दी. गुरु दत्त को लगा कि जॉनी एक्टिंग नहीं बल्कि रियल में उनके सामने शराब पीकर आ गए हैं और वो उनसे बेहद नाराज हो गए लेकिन जब लोगों ने बताया कि जनाब जॉनी तो एक्टिंग कर रहे थे तो गुरु दत्त हक्के बक्के रह गए. इस तरह जॉनी को उन्होंने आपनी फिल्म बाज़ी में एक रोल ऑफर कर दिया. जॉनी वॉकर का फ़िल्मी सफर शानदार रहा और अपने 35 साल के लंबे फ़िल्मी करियर में उन्होंने तकरीबन 300 फिल्मों में काम किया. जॉनी वॉकर को खुद ना पढ़ पाने का मलाल था इसलिए अपने छह बच्चों को विदेश में तालीम दिलवाई थी.    


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