नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' कल ही रिलीज होने वाली है और इसे लेकर जो विवाद पिछले साल शुरू हुआ वो अभी तक चल रहा है. भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म के रिलीज को हरी झंडी दे दी है लेकिन राजपूत समाज लगातार इसका विरोध कर रहा है. रिलीज से पहले एबीपी न्यूज़ आपको दे रहा है इस फिल्म का पहला रिव्यू. यहां हम आपको बता रहे हैं  क्या फिल्म वाकई ऐसा कुछ है जिसे लेकर बवाल हो रहा है? पांच प्वाइंट में जानते हैं कि भंसाली की ये फिल्म कैसी है-





    1. सबसे पहले बात उस विवाद की जिसे लेकर हर तरफ हंगामा हो रहा है. रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के जिस ड्रीम सीक्वेंस को लेकर इतना बवाल हो रहा है वैसा कुछ इस फिल्म में है ही नहीं. यहां तक कि ये दोनों किसी फ्रेम में साथ भी नहीं दिखें हैं. रिलीज से पहले भी भंसाली ये बात बता चुके हैं फिर बवाल क्यों हो रहा है ये समझ से परे है. इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को देखकर राजपूत समाज को गर्व ही महसूस होगा. इसमें राजपूतों को गौरवान्वित महससू करवाने के लिए डायलॉग की ऐसी भरमार है कि कभी-कभी लगता है कि बहुत ज्यादा ही  बखान हो गई, अब रहने भी दो.

    2. 'रामलीला' हो या फिर 'बाजीराव मस्तानी' भंसाली को फिल्म को भव्यता के लिए जाना जाता है और ये फ्लेवर इस फिल्म में आपको देखने को मिलेगा. फिल्म का सेट, युद्ध के सीन, किरदारों के कॉस्टयूम और लोकेशन सब कुछ विजुअली बहुत ही प्रभावशाली है. 3डी इफेक्ट इस फिल्म में और भी रोमांच पैदा करता है.

    3.  भले ही इस फिल्म में दीपिका पादुकोण के किरदार को लेकर इतना हंगामा मचा हो लेकिन ये फिल्म पूरी तरह रणवीर सिंह की है जिन्होंने खिलजी का किरदार निभाया. निगेटिव रोल में रणवीर सिंह ने ऐसी जान फूंक दी है कि उन्हें देखकर नफरत सी होने लगती है. उनकी आँखों से लेकर हाव भाव और डायलॉग डिलीवरी तक सब कुछ बहुत ही परफेक्ट है.



 

         4. दीपिका पादुकोण पर्दे पर आती हैं तो जान आ जाती है. वो बहुत ही ग्रेसफुल हैं और एक्टिंग बहुत अच्छी की है. इस फिल्म में दीपिका डायलॉग कम बोलती हैं लेकिन उनकी आंखें बोलती हैं. शाहिद के साथ वो पहली बार नज़र आईं हैं लेकिन दोनों एक दूसरे के साथ जमे हैं. राजा रतन सिंह के किरदार में शाहिद कपूर ने जान भर दी है.


         5. इस फिल्म में सरप्राइज पैकेज की तरह हैं अभिनेता जिम सरभ जिन्होंने गुलाम मलिक काफूर का किरदार निभाया है. फिल्म में  राजा रतन सिंह से उनके परिचय में कहा जाता है कि 'उन्हें खिलजी का बेगम ही समझ लीजिए.' जिम ने इंप्रेस कर दिया है. इसके अलावा इस फिल्म में अदिती राव हैदरी और रजा मुराद सहित सभी एक्टरों ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. ये फिल्म करीब दो घंटे 45 मिनट की है जिसे देखते समय आप बीच-बीच में बोर हो सकते हैं क्योंकि इसमें कुछ ऐसा नहीं है जो नया है. ये कहानी आप सालों से पढ़ते आ रहे. बस इसे भंसाली ने इस अपने अंदाज में फिल्माया है जो काफी खूबसूरत है. इसे इस वीकेंड आप फैमिली के साथ देख सकते है.