Monday Motivation: स्टेज से अनाउंस होता है-'And The Oscar goes to Brendan Fraser......The Whale....' इसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट के बीच एक एक्टर अवॉर्ड लेने के लिए आता है. उसकी आवाज कांप रही होती है और आंखों में आंसू भरे हुए होते हैं. वो खुश होते हुए भी रो रहा था. थैंक्यू बोलते हुए उसने अपनी स्पीच दी. स्टेज से जाते वक्त भी वो रो रहा था. वो इसलिए नहीं रो रहा था क्योंकि उसे उस समय कोई दुख रहा होगा, बल्कि वो जो जंग लड़ रहा था, उससे उबरने की उसकी कोशिश को साकार होते देख रो रहा था. वो इसलिए भी रो रहा था क्योंकि वो ब्रेंडन फ्रेजर था. जिसने बहुत कुछ देखा और सहा था.


ब्रेंडन की कहानी सिर्फ इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि उन्होंने 2023 में 'द व्हेल' के लिए बेस्ट एक्टर इन लीडिंग रोल का ऑस्कर जीता था. उनकी कहानी इसलिए बता रहे हैं क्योंकि उन्हें इस अवॉर्ड तक पहुंचने में 30 साल से ज्यादा समय लग गया. इस समय से सालों पहले उन्हें विफल और खोया हुआ एक्टर करार दे दिया गया था. लेकिन इसके भी कुछ साल पहले ये वही एक्टर है जिसके 90s के करीब-करीब सारे बच्चे फैन हुआ करते थे.




ब्रेंडन फ्रेजर पहली बार 1991 में हॉलीवुड फिल्म 'डॉगफाइट' में दिखे. इसके बाद, इंडिया के दर्शको में उन्हें ठीकठाक पहचान 1997 की फिल्म 'जॉर्ज ऑफ द जंगल' और 1999 में आई 'द ममी' से मिली. ब्रेंडन फ्रेजर उसी समय उभरे जब इंडिया में केबल टीवी आया था. इंग्लिश चैनलों या फिर लोकल केबल टीवी चैनलों में डब्ड 'द ममी' देखने वाले बच्चे उनके दीवाने थे. अब वो बच्चे बड़े हो चुके हैं और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उलझ चुके हैं.


ऐसे में उनके लिए ब्रेंडन फ्रेजर की बात करना बनता है क्योंकि इससे न सिर्फ उनकी यादें ताजा होंगी, बल्कि उनके खूबसूरत बचपन की झलकियां भी उनकी आंखों के सामने आएंगी और शायद इन्हीं खूबसूरत पलों के बीच वो अपने टेंशन से मुक्ति भी पा लें. क्योंकि ये मोटिवेशनल कहानी उनके फेवरेट हॉलीवुड एक्टर की है. 


हजारों ममी शैतानों की भीड़ से अकेले निपटने वाले फ्रेजर की दास्तां
1997 में आई फिल्म 'जॉर्ज ऑफ द जंगल' में  फ्रेजर ने टार्जन का स्पूफ निभाया. उनकी कॉमेडी टाइमिंग दर्शकों को इतनी पसंद आई कि इस फिल्म ने तब 180 मिलियन डॉलर की कमाई की. इसके बाद, 1998 में आई फिल्म 'गॉड्स ऑफ मान्सटर्स' में क्रिटिक्स ने उनकी एक्टिंग को खूब सराहा. फिल्म ने कमाई 6.5 मिलियन के आसपास ही की लेकिन अवॉर्ड्स से अपनी झोली भर ली.


इसके बाद शुरू हुआ फ्रेजर का वो दौर जो सुनहरा था, इतना सुनहरा कि लोग सड़कों और गलियों के नुक्कड़ में खड़े होकर उनकी बात करने लगे. ये दौर शुरू हुआ 1999 में आई 'द ममी' से. इस फिल्म को दुनियाभर में देखा गया. नतीजा ये हुआ कि फिल्म ने 416.5 मिलियन डॉलर की कमाई कर डाली. इसके बाद, इसी फ्रेंचाइजी की 2001 में 'द ममी रिटर्न्स' और 2008 में 'द ममी ऑफ द ड्रैगन एंपरर' भी आईं. जिनमें फ्रेजर अपने चिर-परिचित अंदाज में ममी के झुंड से दो-दो हाथ करते दिखे.


साल 2000 के बाद से लेकर 2008 तक छाए रहे फ्रेजर
फ्रेजर ने 2000 के बाद लूनी टून्स: बैक इन एक्शन और क्रैश जैसी फिल्में कीं. इसी दौरान वो स्क्रब्स और किंग ऑफ द हिल जैसे टीवी शोज में भी नजर आए. 2006 में कनाडा के वॉक ऑफ फेम में भी उन्हें शामिल किया गया और इसी के साथ वो अमेरिकी मूल के पहले ऐसे एक्टर बन गए जिन्हें ये सम्मान दिया गया.


लेकिन जब सब कुछ बिगड़ने लगा
2008 में आई ममी सीरीज की तीसरी फिल्म में खुद के स्टंट करते हुए फ्रेजर को कई चोटें लगीं. जीक्यू में फ्रेजर के हवाले से लिखा गया है, ''मुझे इन चोटों के बाद अगले 7 सालों तक कई सर्जरी से गुजरना पड़ा. इस दौरान मेरे घुटनों को आंशिक रूप से रिप्लेस किया गया और रीढ़ की हड्डी में पैड बांधा गया और उसे ठीक करने की कोशिश भी की गई.'' 


इसी दौरान फ्रेजर के ऊपर मुश्किलों का पहाड़ सा टूट गया. सर्जरी से गुजरते वक्त वो पर्सनल लाइफ की समस्याओं का सामना भी कर रहे थे. उनकी पत्नी एफ्टन स्मिथ ने शादी के 9 साल बाद उन्हें तलाक दे दिया. उन्होंने इस बारे में जीक्यू को दिए इंटरव्यू में बताया, ''मैं ऐसी चीजों से गुजर रहा था जो जिनके लिए आप तैयार नहीं होते, लेकिन आपको उनका सामना करना होता है. ऐसे में आप अलग ही तरीके से ढल जाते हैं.''


ब्रेंडन अचानक से सुर्खियों से बाहर हो गए.अब उनके बारे में कोई बात भी नहीं करता था. सालों बाद 2016 में फ्रेजर का पहला इंटरव्यू आया. उस दौरान उनकी मां उन्हें छोड़कर जा चुकी थीं. सालों बाद जब लोगों ने उन्हें देखा तो पाया कि न तो उनकी वो हंक वाली बॉडी थी और न ही चेहरे में वो नूर. वो उदास दिख रहे थे. वो सुर्खियों में तो आए लेकिन सुर्खियां उनके मोटापे और बेडौल शरीर और एक हारे हुए अभिनेता के तौर पर उन्हें पेश कर रही थीं.




यौन शोषण की कहानी जब ब्रेंडन ने खुद सुनाई दुनिया को
गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स करवाने वाली संस्था HFPA के पूर्व प्रेसीडेंट फिलिप बर्क को लेकर ब्रेंडन ने 2018 में जीक्यू वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 2003 में उनके साथ यौन शोषण किया था. उन्होंने बताया -हाथ मिलाने के लिए जब मैंने बर्क की तरफ हाथ बढ़ाया तो उनका हाथ मेरे पैंट की तरफ बढ़ गया. इस घटना के बाद मैं उदास रहने लगा और डिप्रेशन में चला गया. तब मैं अपने करियर को नुकसान न हो जाए, इस डर से कुछ नहीं बोला. उन्होंने ये भी बताया कि मैं इन सबसे बहुत परेशान और अकेला महसूस करने लगा था.


दुनिया से कटते चले गए ब्रेंडन
ब्रेंडन ने ये भी बताया था कि इस घटना के बाद उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया. उनका कॉन्फिडेंस कम होता गया और असर ये हुआ कि उन्हें काम भी मिलना बंद हो गया. 2007 के बाद शुरू हुई सर्जरी के पहले ही ब्रेंडन कई तरह की समस्याओं से अकेले जूझ रहे थे. उन्हें साल 2003 में 'सुपरमैन' फिल्म में साइन किया जाना था. डायरेक्टर ब्रेट रैटनर ने उन्हें मिलने के लिए भी बुलाया, लेकिन वक्त कुछ इस तरह बदल गया कि फिल्म का डायरेक्टर ही बदल दिया गया और ब्रेंडन सुपरमैन बनते-बनते रह गए. कई सर्जरी और तलाक से जूझ रहे ब्रेंडन का कैलिफोर्निया वाला घर भी 2007 में ही बिक गया. इसी दौरान उन्हें कोर्ट से ये ऑर्डर भी दिया गया कि वो अपनी पत्नी को हर साल 6 लाख डॉलर गुजारा भत्ता भी देंगे.


कमबैक के लिए कस ली थी ब्रेंडन ने कमर
बॉलीवुड फिल्म 'लाइन ऑफ डिसेंट' में अभय देओल के साथ भी ब्रेंडन ने काम किया. ये फिल्म साल 2019 में आई थी. उनके काम के वजन को दिखाने की लालसा फ्रेजर को बैठने नहीं दे रही थी. उन्होंने कमबैक करने की ठानी और उन्होंने डीसी के प्रोजेक्ट 'टाइटन्स' और डू्म्स डे में भी दिखे. इसके बाद उन्होंने 2021 की पीरियड ड्रामा फिल्म 'नो सडेन मूव' और फिर 2022 की 'द व्हेल' में काम किया. इस फिल्म के लिए उन्हें 95वां एकैडमी अवार्ड में बेस्ट एक्टर इन लीड रोल का ऑस्कर मिला. अब इसे इत्तेफाक कहें या उनकी मेहनत की 2024 के ऑस्कर में भी उनकी पिछले साल की फिल्म 'किलर्स ऑफ द फ्लॉवर मून' को एक बार फिर से अलग-अलग कैटेगरी में 10 नॉमिनेशन मिले हैं.




आपने शटर आईलैंड, द आईरिश मैन, द वोल्फ ऑफ द वॉलस्ट्रीट जैसी फिल्में अगर देखी होंगी, तो आपको इसके डायरेक्टर मार्टिन स्कार्सीसी के बारे में पता ही होगा कि वो क्या कमाल की फिल्में बनाते हैं. और उनकी फिल्म में ब्रेंडन फ्रेजर का होना ये दिखाता है कि उन्होंने अभी तक हिम्मत नहीं हारी. वो हर उस तूफान से लड़कर सामने आए हैं, जिनके सामने खड़े होना भी मुश्किल होता है. शारीरिक, पारिवारिक और मानसिक परेशानियों से जूझते हुए वो आज फिर से विल स्मिथ, जॉनी डेप और लियोनार्डो डिकैप्रियो जैसे एक्टर्स की लिस्ट में शुमार हो गए हैं.


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