मुंबई: सेंसर बोर्ड के पूर्व प्रमुख पहलाज निहलानी का मानना है कि लोग केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के हित में गोलबंद नहीं हुए बल्कि उन्हें इसके अध्यक्ष पद से हटाने के लिए ऐसा किया. अपने बयान के समर्थन में उन्होंने दलील दी कि अब बोर्ड जब निर्देशकों को दृश्यों में कैंची लगाने को कह रहा था तो किसी तरह की आपत्ति नहीं की जा रही है.


उन्होंने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए उन पर लगने वाले ‘मोरल पुलिसिंग’ के आरोपों के संदर्भ में कहा, ‘‘मेरे हटने के बाद भी, सीबीएफसी के पदाधिकारी वहीं हैं; फिल्मों में दृश्य काटे जा रहे हैं क्योंकि आज भी दिशा-निर्देश वहीं हैं. लेकिन अब दृश्यों को काटे जाने को लेकर कोई शोर नहीं हो रहा और सीबीएफसी को आज कोई भी ‘संस्कारी’ नहीं कह रहा.’’ निहलानी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘मेरे खिलाफ गुटबंदी की गई, ना कि सीबीएफसी के.’’ सरकार ने पिछले महीने निहलानी के स्थान पर गीतकार प्रसून जोशी को सीबीएफसी का प्रमुख बनाया था.


खबरों के मुताबिक जोशी के नेतृत्व के दौरान ‘लव सोनिया’ के निर्माताओं को 45 दृश्यों पर कैंची चलाने को कहा गया. इस फिल्म में फ्रीडा पिंटो और रिचा चड्ढा अहम भूमिका में हैं. बोर्ड ने वरूण धवन अभिनीत ‘जुड़वा 2’ के पांच दृश्यों को काटने का आदेश दिया है.


निहलानी ने कहा, ‘‘कुछ लोग मुझे इस पद से हटाना चाहते थे और मैं खुश हूं कि अब मैं सीबीएफसी प्रमुख नहीं हूं. मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ खोया है या मुझे पद से हटाया गया है. मैं फिल्मों में लौट आया हूं. यह सम्मान का पद है.’’


निहलानी अभी ‘जूली 2’ को प्रमोट कर रहे हैं. वह इस फिल्म के वितरक हैं. दीपक शिवदसानी और राय लक्ष्मी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म छह अक्तूबर के प्रदर्शित होगी.