Jeetendra Struggle Story: फिल्म इंडस्ट्री में जब कोई कुछ बनने के इरादे से आता है तो फिर फर्क नहीं पड़ता उसे क्या काम मिल रहा, क्योंकि वो सबकुछ स्वीकार करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे खुदपर भरोसा होता है कि एक दिन वो कुछ बड़ा जरूर करेगा. ऐसे ही इरादे को रखते हुए बॉलीवुड का ये एक्टर शुरुआती समय में हीरोइनों के बॉडी डबल बनकर काम करते थे. देखते ही देखते वो बॉलीवुड के जंपिंग जैक बन गए और आज हर कोई उन्हें जानता है.


जी हां, हम बात रवि कपूर की कर रहे हैं जिन्हें आमतौर पर सभी 'जितेंद्र' के नाम से जानते हैं. जितेंद्र ने न सिर्फ बहुत छोटे स्तर से करियर की शुरुआत की बल्कि एक्ट्रेस के बॉडी डबल यानी महिला बनकर काम शुरू किया लेकिन बाद में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं और स्टार बन गए. चलिए आपको जितेंद्र के संघर्ष से लेकर सफलता तक की कहानी बताते हैं.


जितेंद्र का फैमिली बैकग्राउंड


7 अप्रैल 1942 को अमृतसर में रवि कपूर का जन्म एक पंजाबी खत्री परिवार में हुआ था. इनके पिता अमरनाथ और कृष्णा कपूर थे जिन्होंने मुंबई में अपना ज्वैलरी बिजनेस शुरू किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ज्वैलरी फिल्म इंडस्ट्री में सप्लाई किया जाता था. रवि कपूर की पढ़ाई मुंबई से ही हुई थी.




कॉलेज के समय उनके क्लासमेट राजेश खन्ना हुआ करते थे. जितेंद्र का फिल्मों की तरफ झुकाव था और अक्सर जब वो ज्वैलरी देने जाया करते थे तो एक्टिंग का ख्याल उनके दिमाग में आता था. इस बारे में एक्टर जितेंद्र ने ही अपने एक इंटरव्यू में बताया था. जितेंद्र वी.शांताराम के फैन थे और उनसे एक बार मिलना चाहते थे लेकिन कोई उन्हें उनसे मिलने नहीं देता था. वो अक्सर आर्टिफिशियल ज्वैलरी लेकर जाते लेकिन उनसे ज्वैलरी की डिलीवरी लेकर वापस कर दिया जाता था. 


काफी संघर्ष के बाद जितेंद्र को मिली पहली फिल्म


फिल्मों में काम करने की इच्छा रखने वाले जितेंद्र को एक बार पता चला कि वी. शांताराम की फिल्म सेहरा के ऑडिशन चल रहे हैं. उन्होंने अपने दोस्त राजेश खन्ना से ऑडिशन करने की ट्रेनिंग ली क्योंकि उन्होंने कभी थिएटर नहीं किया था जबकि राजेश खन्ना उस समय थिएटर करते थे. ट्रेनिंग लेने के बाद जब उनकी एंट्री वी शांताराम के स्टूडियो में हुई तो पता चला कि वहां हिरोइन के बॉडी डबल की शूटिंग हो रही और जितेंद्र उसमें फिट बैठ गए.


जितेंद्र ने इस बात का जिक्र कपिल शर्मा के शो में किया था. एक्ट्रेस संध्या शांताराम के बॉडी डबल का रोल जितेंद्र ने किया था. इसके बाद उन्होंने कुछ फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम किया. एक वो दिन आया जिसका जितेंद्र को इंतजार था उन्हें वी शांताराम ने अपने ऑफिस बुलाया और उन्हें एक फिल्म ऑफर की. जितेंद्र के लिए ये जैकपॉट था उन्होंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े और रोल सुने हां कह दी.




वी शांताराम ने रवि कपूर का नाम जितेंद्र रखा और स्क्रीन पर उन्हें जितेंद्र के नाम से इंट्रोड्यूस कराया. फिल्म गीत गाया पत्थरों ने (1964) आई और सुपरहिट हो गई. इसके बाद उन्होंने वी शांताराम की दूसरी फिल्म फर्ज की और वो भी हिट हो गई. इसके बाद जितेंद्र ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बैक टू बैक कई सुपरहिट फिल्में दीं. फिल्म इंडस्ट्री में 60's में एक ऐसे एक्टर की एंट्री हुई जो दिखने में अच्छा था, डांस भी अच्छा करता था और एक्टिंग कमाल की थी.


जितेंद्र के लव अफेयर्स


जितेंद्र उस दौर के चॉकलेटी एक्टर के तौर पर फेमस थे. लड़कियां उनकी दीवानी थीं और एक्ट्रेसेस के साथ भी उनके अफेयर्स के किस्से सुनने को मिले. श्रीदेवी, जया प्रदा, बबीता जैसी कई एक्ट्रेसेस के साथ उनके किस्से सुनने को मिले लेकिन ये सभी अफवाह मात्र ही रहीं. जितेंद्र का उस दौर में सबसे बड़ा अफेयर हेमा मालिनी के साथ सुनने को मिला, हालांकि दोनों आज भी अच्छे दोस्त हैं.


जितेंद्र ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो कभी उस किस्से को उजागर नहीं करेंगे जो कभी हुआ करता था क्योंकि अब समय बीत गया है और दोनों के बच्चे बड़े हो चुके हैं. एक समय ऐसा था जब हेमा मालिनी के माता-पिता जितेंद्र को अपने दामाद के रूप में देखते थे लेकिन साल 1974 में जितेंद्र ने शोभा से शादी कर ली और सभी अफवाहें खत्म हुए.






जितेंद्र की वाइफ और बच्चे


ऐसा बताया जाता है कि जितेंद्र और शोभा की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई. दोनों एक-दूसरे को डेट भी करते थे और साल 1974 में उन्होंने शादी कर ली. जितेंद्र और शोभा के दो बच्चे एकता कपूर और तुषार कपूर हुए. तुषार कपूर एक्टर हैं जबकि एकता कपूर टीवी की फेमस निर्माता और निर्देशक हैं. उनका होम प्रोडक्शन बालाजी टेलीफिल्म्स ने एक से बढ़कर एक डेली सोप और फिल्में दी हैं.


जितेंद्र की फिल्में


साल 1964 में आई फिल्म गीत गाया पत्थरों ने से जितेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद 'फर्ज', 'हमजोली', 'जीने की राह', 'तोहफा', 'हिम्मतवाला', 'धरम-वीर', 'औलाद', 'हातिम ताई', 'आशा', 'जानी दुश्मन', 'अरपन', 'परिचय', 'खुशबू', 'संजोग', 'एक ही भूल', 'घर संसार' जैसी तमाम सुपरहिट फिल्में दीं.


जितेंद्र ने 70, 80 और 90 के दशक में कई फिल्में दीं लेकिन 2000 के बाद से फिल्मों में आना बंद कर दिया. जितेंद्र ने कई फिल्मों को प्रोड्यूस भी किया और बाद में रियल स्टेट में बिजनेस शुरू किया. इसके अलावा अपनी बेटी एकता कपूर के होम प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया. टीवी की दुनिया में एकता कपूर जैसा मुकाम शायद ही किसी निर्माता-निर्देशक ने हासिल किया होगा.




जितेंद्र की नेटवर्थ


जितेंद्र ने हिंदी फिल्मों के अलावा कुछ तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है. जितेंद्र ने फिल्म इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में और किरदार भी दिए हैं. फिल्मों में काम के दौरान ही उन्होंने बेटी के लिए बालाजी टेलीफिल्म्स प्रोडक्शन शुरू किया जिसमें कई सुपरहिट टीवी सीरियल बने और बेटी ने अलग से अपनी पहचान बनाई.


इसके अलावा जितेंद्र ने रियल स्टेट में भी खूब पैसा कमाया है. सेलिब्रिटी नेटवर्थ की 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जितेंद्र 82 वर्षीय जितेंद्र 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1600 करोड़ रुपये के मालिक हैं.


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