Aanand L. Rai Unknown Facts: भारत-पाकिस्तान का बंटवारा आज भी तमाम दिलों को छलनी कर देता है. इसी दर्द को फिल्म डायरेक्टर आनंद एल राय के परिवार ने भी झेला. सीमा पर खिंची दीवार के बाद उनके पिता पाकिस्तान का सिंध इलाका छोड़कर देहरादून पहुंचे और बाद में दिल्ली में अपना आशियाना बनाया. दिल्ली में ही 28 जून 1971 के दिन आनंद एल राय का जन्म हुआ. आज बर्थडे स्पेशल में हम आपको आनंद एल राय की जिंदगी के चंद लम्हों से रूबरू करा रहे हैं. 


शानदार नहीं रही शुरुआत


बता दें कि दिल्ली में ही पढ़ाई-लिखाई के बाद आनंद महाराष्ट्र के औरंगाबाद आ गए. यहां कंप्यूटर इंजीनियरिंग करके वह एक कंपनी में बतौर इंजीनियर जॉब करने लगे. हालांकि, इसमें उनका मन नहीं लगा. उस वक्त आनंद एल राय के बड़े भाई रवि राय टीवी शो डायरेक्ट करते थे. आनंद भी उनके साथ जुड़ गए और कुछ समय बाद अपने खुद के शो डायरेक्ट करने लगे. आनंद एल राय ने बतौर डायरेक्टर साइकोलॉजिकल फिल्म स्ट्रेंजर्स से डेब्यू किया. यह 1951 में आई फिल्म ‘स्ट्रेंजर ऑन ए ट्रेन’ की हिंदी रीमेक थी, लेकिन इसमें आनंद बुरी तरह असफल रहे. इसके तीन साल बाद उन्होंने थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक फिल्म बनाई, लेकिन यह भी बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर सकी. 


आनंद को मिला सफलता का फॉर्म्युला


शुरुआती दो फिल्में फ्लॉप होने के बाद आनंद एल राय ने तीन साल का ब्रेक लिया और 2011 में फिल्म 'तनु वेड्स मनु' के साथ वापसी की. इस फिल्म ने ऐसा धमाल मचाया कि हर तरफ आनंद का नाम छा गया. उन्होंने इस फिल्म का सीक्वल भी बनाया, जो सुपरहिट रहा. इसके बाद आनंद एल राय ने अपने प्रॉडक्शन हाउस 'कलर येलो प्रॉडक्शंस' की शुरुआत की, जिसके बैनर तले फिल्म 'रांझणा' बनी. इस फिल्म से साउथ के सुपरस्टार धनुष को बॉलीवुड में लॉन्च किया गया. इसके बाद 'निल बटे सन्नाटा', 'शुभ मंगल सावधान, 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान', 'हसीन दिलरुबा' और 'जीरो' जैसी फिल्मों ने आनंद की शोहरत में चार चांद लगा दिए.


शादी कर यूएस सेटल हो गई थीं 'अशोक सम्राट' की ये पॉपुलर एक्ट्रेस, फिर क्या हुआ कि मौत को गले लगाने का बना लिया था मन!