बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म 'बेलबॉटम' कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद रिलीज होने वाली पहली फिल्म है, जो सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसके अलावा ये फिल्म दुनिया के कई देशों में रिलीज हुई है. लेकिन फिल्म की कहानी लाइन और देश की गलत इमेज दिखाने के लिए सऊदी अरब, कतर और कुवैत ने फिल्म की स्क्रीनिंग को बैन कर दिया है.
फिल्म को इन मिडिल ईस्टर्न देशों में बैन करने की मुख्य वजह 'बेल बॉटम' के सेकंड हाफ में है. फिल्म में दिखाया गया है कि दुबई सरकार भारत की मदद करने से मना करती है. भारत की प्रधान मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. एयर इंडिया के विमान को हाईजैकर्स पहले लाहौर और फिर यहां से दुबई लेकर जाया जाता है.
हकीकत कुछ और
फिर बेलबॉटम यानी अक्षय कुमार दुबई सरकार से बचकर अपना एक मिशन चलाते हैं. 'बेलबॉटम' एक रॉ एजेंट हैं. और सभी हाईजैकर्स को पकड़ लेते हैं और उन्हें ब्रिटिश फ्लाइट से दिल्ली के पालम एयरपोर्ट उतारते हैं. इसके बाद हाइजैक हुए भारतीय विमान को भारत लौटते हुए दिखाया गया है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
ये है सच्ची घटना
यूएई के अधिकारियों का मानना है कि फिल्म में फैक्चुअल गलतिया हैं. 1984 की वास्तविक घटना के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने व्यक्तिगत रूप से शामिल होकर इस स्थिति को संभाला था. बाद में, संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने हाईजैकर्स को पकड़कर अपनी ये जीत हासिल की.
फैक्ट्स पर आपत्ति
रिपोर्ट में कहा गया है कि मिडिल ईस्टर्न देशों में सेंसर बोर्ड ने इस कथित 'छेड़छाड़' पर एक बड़ी आपत्ति जताई है. इसलिए फिल्म को बैन किया गया है. 3
लारा दत्ता की तारीफ
बात करें फिल्म की परफॉर्मेंस की, तो फिल्म को क्रिटिक्स और ऑडियंस से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. फिल्म में अक्षय कुमार की परफॉर्मेंस के साथ-साथ प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाने वाली लारा दत्ता की भी तारीफ हो रही हैं. वह स्क्रीन पर अपने अविश्वसनीय परिवर्तन के लिए बहुत प्रशंसा बटोर रही हैं. बेल बॉटम में आदिल हुसैन, वाणी कपूर और हुमा कुरैशी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं.
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