मुंबई: सीढ़ियों से गिरने के बाद जाने-माने सिनेमाटोग्राफर नदीम खान को सिर, सीने और कॉलर बोन में गंभीर चोटें आईं थीं, जिसके बाद उन्हें 5 म‌ई को मुम्बई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिर में गंभीर चोट लगने और अधिक खून बहने के चलते उनकी ब्रेन सर्जरी की गयी है और फिलहाल वो अचेत अवस्था में हैं.


एबीपी न्यूज़ ने जब नदीम की पत्नी पार्वती खान को नदीम की हालत जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने अपने पति के इलाज की शुरुआत और ब्रेन सर्जरी में देरी किये जाने की बात कही.


पार्वती ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "सिर में गंभीर चोट लगने और भारी मात्रा में खून बह जाने के चलते उन्हें फौरन सर्जरी की जरूरत थी, लेकिन कहीं उन्हें कोरोना वायरस तो नहीं है? पहले इसका टेस्ट किया गया. दो दिन बाद जब उनका रिजल्ट नेगेटिव आया, तब कहीं जाकर डॉक्टरों ने उनकी ब्रेन सर्जरी की. नदीम‌ की हालत बेहद खराब थी और उनके सिर से काफी खून बह चुका था. अगर उनकी सर्जरी फौरन की जाती, तो इस वक्त वो बेहतर हालत में होते."


पार्वती ने एबीपी न्यूज़ से आगे कहा, "नदीम‌ को अस्पताल में दाखिल करने‌ में भी काफी वक्त जाया किया गया. इस दौरान उन्हें किसी तरह की दर्द निवारक गोलियां भी नहीं दी गयीं. लगभग दो घंटे बाद ही उन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया. अस्पताल‌ में लेने के बाद उन्हें टेस्ट के लिए सीधे कोविड वार्ड में ले जाया गया, जबकि मेरे पति पिछले दो महीने में अपने घर की इमारत से बाहर भी नहीं निकले थे.


पार्वती खान ने कहा, "मैं समझती हूं कि कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव के चलते इस वक्त किसी भी अस्पताल में दाखिल किये जाने से पहले मरीज का कोरोना संबंधी टेस्ट किया जाता है. अस्पताल प्रशासन के बनाये नियमों के चलते डॉक्टर भी‌ इन नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं. मगर कम‌ से कम ब्रेन और हार्ट की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के इलाज की खातिर कोविड-19 के रैपिड टेस्ट किया जाना चाहिए और गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का फौरन इलाज किये जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए."


इन आरोपों को लेकर जब एबीपी न्यूज़ ने लीलावती अस्पताल के सीईओ डॉ. वी. रविशंकर से इस संपर्क साधा, तो उन्हें इस देरी की वजह बताते हुए कहा, "नदीम खान के केस में मैंने निजी तौर पर रूचि ली थी और जल्द से जल्द उनका कोविड टेस्ट लेने का आदेश दिया था. टेस्ट लेने के बाद हमने उनके सैंपल को निजी लैब में भेजा था, ताकि जल्द से जल्द रिजल्ट आ जाए. रिजल्ट आने में कम से कम 48 घंटे का समय लगता है, लेकिन मैंने यह सुनिश्चित किया कि नदीम के मामले में ऐसा न हो और जितनी जल्दी हो सके उनकी सर्जरी हो सके. इसके लिए सारे इंतजाम भी मैंने करवाए थे. कोविड टेस्ट के बगैर किसी भी मरीज का इलाज संभव नहीं है. अगर किसी भी मरीज में कोविड पाया गया तो अस्पताल के पूरे स्टाफ के संक्रमित होने का खतरा रहता है. ऐसे में पूरे अस्पताल को बंद करने की नौबत आ सकती है."


उल्लेखनीय है कि नदीम खान ने बतौर सिनेमाटोग्राफर 40 से ज्यादा फिल्मों के लिए काम किया है, जिनमें डिस्को डांसर जैसी सुपरहिट फिल्मों के अलावा किंगल अंकल, इल्जाम, जुर्म, आवारगी, गुनाह, गैंग, खलनायिका जैसी तमाम फिल्मों का शुमार है. सिनेमाटोग्राफी करने के अलावा उन्होंने 'तिरछी टोपीवाले' नामक एक फिल्म का निर्देशन भी किया था. फिल्मों के अलावा नदीम खान 1994 में आये लोकप्रिय धारावाहिक चंद्रकांता के साथ भी डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी के तौर पर भी जुड़े थे.