उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस महज 2 सीट जीतने में कायमाब रही. 2017 में 7 सीटों पर कब्जा करने वाली कांग्रेस का प्रदेश में ग्राफ चुनाव दर चुनाव गिरता जा रहा है. उसका वोट शेयर गिरकर 2.35 प्रतिशत हो गया है. 2017 के चुनाव में ये 6.25 प्रतिशत था. एक दौर में कांग्रेस यूपी की सबसे बड़ी पार्टी हुआ करती थी. वह लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रही, लेकिन तीन दशक से वह जीत का स्वाद नहीं चख पाई है.


इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में जो दो सीटें आई हैं वो रामपुर खास और फरेंदा हैं. रामपुर खास में अराधना मिश्रा ने बीजेपी के नागेश प्रताप सिंह को 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. अराधना मिश्रा को 84334 वोट मिले तो नागेश प्रताप को 69593 वोट हासिल हुए. वोट शेयर की बात करें तो अराधना मिश्रा को 50.27 फीसदी वोट मिले. नागेश प्रताप के हिस्से में 41.49 फीसदी वोट आए. 


फरेंदा में विरेंद्र चौधरी जीते


वहीं, फरेंदा में वीरेंद्र चौधरी ने बीजेपी के बजरंग बहादुर सिंह को 1087 वोटों से शिकस्त दी. वीरेंद्र चौधरी को 85181 वोट और बजरंग बहादुर को 83935 वोट मिले. कांग्रेस ने अपने गढ़ अमेठी और रायबरेली में भी खराब प्रदर्शन किया. वह यहां पर एक भी सीट नहीं जीत पाई. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी नहीं जीत पाए. कांग्रेस के चुनाव अभियान का नेतृत्व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया था, जिन्होंने पिछले तीन दशकों से पार्टी को फिर से जीवित करने के प्रयास में राज्य भर में बैठकें और रोड शो किए.


प्रियंका का अभियान 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के नारे के इर्द-गिर्द केंद्रित था. पार्टी महिलाओं के लिए एक अलग घोषणापत्र जारी करने के नए प्रयोग के साथ आई थी. कांग्रेस ने इस चुनाव में 40% टिकट भी महिलाओं को दिए थे. 


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