Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान बीजेपी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीच चल रही नाराजगी किसी से छिपी नहीं है. इस बार पार्टी वसुंधरा को सीएम फेस घोषित करने से भी बच रही है. इस बीच पार्टी ने पिछले दिनों वसुंधरा के खास और पार्टी के पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी की फिर से बीजेपी में वापसी कराई है. इस वापसी के बाद चर्चा है कि पार्टी वसुंधरा राजे को मनाने में जुट गई है.
भाजपा की राजस्थान इकाई काफी समय से गुटबाजी से जूझ रही है. राजे के वफादार नेता उन्हें सीएम उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करने के कारण केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं. इसके अलावा राजे खुद भी पिछले कुछ वर्षों में पार्टी में हाशिए पर धकेले जाने से असंतुष्ट हैं.
कई बड़े नेता भी वसुंधरा को नजरअंदाज करने से नाराज
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस का सामना करने और अपने राजपूत मतदाता के खोने की चिंता के कारण ही पार्टी ने वसुंधरा राजे के वफादार देवी सिंह भाटी के लिए पार्टी का दरवाजा खोल दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, राजपूत कम्यूनिटी के अलावा कई अन्य वरिष्ठ नेता भी वसुंधरा राजे को नजरअंदाज किए जाने से परेशान हैं.
अमित शाह से मिला है वसुंधरा राजे को आश्वासन
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, अमित शाह ने राजे को आश्वासन दिया है कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी. इसका मतलब है कि टिकट वितरण के दौरान उनके समर्थकों पर विचार किया जाएगा. भाटी की वापसी इसी बात का उदाहरण है. हालांकि उक्त नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी को बहुमत मिलने पर ही राज्य नेतृत्व का फैसला किया जाएगा.
देवी सिंह भाटी ने सरकार बनाने की जताई उम्मीद
वहीं, पार्टी में वापसी पर देवी सिंह भाटी ने कहा कि “पांच साल बाद मेरी घर वापसी हो रही है. मुझे यकीन है कि भाजपा अगली सरकार बनाएगी. जहां तक वसुंधराजी का सवाल है, वह एक बड़ी नेता हैं जिनका पूरे राजस्थान में सम्मान है. हालांकि पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव में जाने का फैसला किया है, लेकिन आलाकमान ने आश्वासन दिया है कि वे उन्हें पूरा सम्मान देंगे.”
7 बार विधायक रह चुके हैं देवी सिंह भाटी
77 वर्षीय देवी सिंह भाटी कोलायत सीट से सात बार विधायक रह चुके हैं. पहले वह बीजेपी में ही थे, लेकिन चार साल पहले जब पार्टी आलाकमान ने उनके प्रतिद्वंद्वी केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को 2019 में बीकानेर से लोकसभा टिकट दिया तो भाटी नाराज हो गए और 2019 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया बाद में उन्होंने मेघवाल के खिलाफ अभियान भी चलाया था. भाटी को एक बड़ा सामुदायिक नेता माना जाता है. भैरों सिंह शेखावत और राजे की सरकार के दौरान वह मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. देवी सिंह भाटी को बीजेपी में फिर से शामिल करने के एक दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने जयपुर में राजस्थान कोर ग्रुप की बैठक की थी और राजे के साथ अलग से बातचीत की.
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