Loksabha Election 2024 News: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में सियासी बिसात बिछने लगी है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी और पार्टी के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इससे एक दिन पहले दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी बैठक की थी. शुक्रवार को हुई बैठक के बाद कुमारस्वामी ने राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार के समर्थन के आश्वासन के लिए सिंह को धन्यवाद दिया.


इस साल मई में राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी और जेडीएस ने कर्नाटक में गठबंधन की घोषणा दो महीने पहले की थी. अब दोनों ही दल 2024 के चुनावों के लिए 28 लोकसभा सीटों के बंटवारे पर लगे हुए हैं. यह मीटिंग उसे से जुड़ी बताई जा रही है. इस मीटिंग में कुमारस्वामी के भाई एचडी रेवन्ना और भतीजे प्रज्वल रेवन्ना भी मौजूद थे.


चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जेडीएस


बीजेपी और जेडीएस के गठबंधन के बाद से ही चर्चा है कि जनता दल (एस) इस बार कर्नाटक की 4 लोकसभा सीटों पर उतर सकती है. वह बीजेपी से चार सीटें मांग रही है. जेडीएस मांड्या, हसन, बेंगलुरु (ग्रामीण) और चिकबल्लापुर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि पिछले चुनाव में उसने सिर्फ हसन पर जीत दर्ज की थी.


2019 में 28 में से 25 सीटों पर जीती थी बीजेपी


2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं. जनता दल (एस) तब कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी, लेकिन वे केवल दो सीटें जीत सकीं, जबकि भाजपा समर्थित एक निर्दलीय को एक सीट पर जीत मिली थी. हालांकि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली और कांग्रेस ने 136 सीटें जीतकर सरकार बना ली. बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 65 सीट मिली थी.


इस तरह बीजेपी को मिल सकता है गठबंधन का फायदा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सत्ता बरकरार रखने की आस लगाए भाजपा को उम्मीद है कि वह इस गठबंधन से राज्य के 2 खास समुदाय के वोट पा सकेंगे. कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय लगभग 17 फीसदी है. बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से हैं. वोक्कालिगा समुदाय की संख्या करीब 15 फीसदी है. वोक्कालिगा परंपरागत रूप से जेडीएस का वोटर वोटर माना जाता है. जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से ही हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों में गठबंधन होता है तो यहां एनडीए का वोट बेस लगभग 32 प्रतिशत तक हो सकता है.


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