Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की कौशांबी लोकसभा सीट के लिए 20 मई को मतदान होना है. चुनाव से कुछ दिन पहले ही कुंडा विधायक राजा भैया ने कौशांबी और प्रतापगढ़ सीट पर किसी भी उम्मीदवार को समर्थन देने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात जरुर की थी. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि जिसे ठीक लगे उसको वोट कीजिए. हैदराबाद में चुनावी अभियान खत्म कर अपना दल के साथ गठबंधन करने वाले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी भी कौशांबी में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. इस बीच औवेसी को देखने के पहुंचे एक शख्स ने खुद बीजेपी समर्थक बताते हुए वोट सपा को देने की बात कर दी.

कौशांबी सीट से अपना दल ने नरेंद्र कुमार को बतौर प्रत्याशी उतारा है. असदुद्दीन औवेसी उत्तर प्रदेश में अपना दल को समर्थन दे रहे हैं और इसी को लेकर वो कौशांबी में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. औवेसी को देखने के लिए पहुंचे लोगों का 'यूपी तक' से कहना था कि उन्हें तो पता भी नहीं है कि उम्मीदवार कौन है. वो तो बस औवेसी को सुनने और देखने आए हैं. इस दौरान रैली में पहुंचे एक शख्स ने 'यूपी तक' से कहा कि मैं बीजेपी का सपोर्टर हूं. लेकिन इस बार वो सपा के पुष्पेंद्र सरोज को वोट देंगे. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से बीजेपी के विनोद सोनकर सांसद हैं. लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया है. इसलिए इस बार पुष्पेंद्र को वोट देंगे. शख्स ने कहा कि पुष्पेंद्र सरोज से हमें उम्मीदें हैं. क्योंकि वो बाहर से पढ़कर आए हैं और युवा भी हैं, इसलिए इस बार उन्हें वोट देंगे.

बता दें कि पुष्पेंद्र सरोज इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं और वो लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से पढ़कर आए हैं. अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा से पहले ही प्रचार करना और समाज भर के लोगों से जुड़ना पुष्पेंद्र ने शुरू कर दिया था. माना जा रहा है कि पुष्पेंद्र 2019 के चुनाव के दौरान अपने पिता इंद्रजीत सरोज की हार का बदला लेने का प्रयास करने के लिए यहां आए हैं. 1 मार्च को ही वो 25 साल के हुए हैं.

कौशांबी के लिए यह महज चौथा लोकसभा चुनाव है. साल 1997 से पहले कौशांबी इलाहाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था. 2009 से पहले इस लोकसभा सीट का नाम चायल था और तब भी सुरक्षित थी सीट. 2009 में पुनर्गठन हुआ तो कुछ विधानसभा बदली और नाम कौशांबी कर दिया गया था. चायल से धर्मबीर सांसद रहे थे जो इंदिरा गांधी की सरकार में उप मंत्री थे. शैलेंद्र उनके बेटे हैं जो खुद चायल से सांसद रहे थे.

यह सीट कई मायनों में राजनीतिक रूप से अहम है. उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद है. इस समय यहां से देश के युवा उम्मीदवारों में एक समाजवादी पार्टी के 25 वर्षीय पुष्पेंद्र सरोज दो बार के बीजेपी सांसद 54 वर्षीय विनोद सोनकर के सामने मैदान में हैं.