Lok Sabha Elections 2024: झारखंड में हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ गया है. यहां लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हजारीबाग से बीजेपी के मौजदा सांसद जयंत सिन्हा के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पोते आशिर सिन्हा आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वहीं, इस चुनावी मंच पर जयंत सिन्हा के बेटे आशिर सिन्हा को देखा जाना चर्चा का विषय बन गया.


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हजारीबाग में जनसभा को संबोधित करने के दौरान आशिर सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का बीजेपी से अलगाव हो गया था, जिसके बाद विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा को उतारा था. हालांकि, उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री रह चुके हैं.


BJP ने जयंत सिन्हा को नहीं दिया टिकट


दरअसल, झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार कद्दावर नेता जयंत सिंह को बॉयकाट कर हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा लगातार बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रहे हैं. इसके साथ ही वह कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जेपी पटेल को अपना समर्थन दे रहे हैं. यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला बोलते रहे हैं.


मोदी सरकार के कार्यकाल में रह चुके हैं मंत्री


पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा 2014 में पहली बार लोकसभा से सांसद बने थे. पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. जयंत सिन्हा साल 2016 से लेकर 2019 तक उड्डयन राज्य मंत्री रहे थे.


इसके अलावा साल 2014 से साल 2016 के बीच वह वित्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, जयंत सिन्हा को साल 2019 में फिर हजारीबाग सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी, लेकिन पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था.


यशवंत सिन्हा कैसे बने BJP के दुश्मन?



अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही बीजेपी से नाराज चल रहे थे. इसी नाराजगी के दौरान उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी थी. वाजपेयी और आडवाणी का दौर जाने के बाद यशवंत सिन्हा की बीजेपी से दूरियां बढ़ती चली गयीं.


साल 2009 के आम चुनाव में यशवंत सिन्हा ने जीत दर्ज की लेकिन 2014 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह उनकी सीट से उनके बेटे जयंत सिन्हा चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद नरेंद्र मोदी से बढ़ती दूरियों के चलते 2018 में उन्होंने बीजेपी के साथ 21 साल लंबा सफर ख़त्म कर दिया.



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