Karnataka Elections: अधिकांश एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी के साथ दो मुख्य दलों (कांग्रेस और बीजेपी) ने अपनी सरकार बनाने के लिए बहुमत सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही पैंतरेबाजी और जोड़-तोड़ शुरू कर दी है. प्रमुख विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' का मुकाबला करने के लिए 'ऑपरेशन हस्त' तैयार किया है. ये इस स्थिति को लेकर है कि यदि 224 सदस्यीय सदन में बीजेपी अपने विधायकों को 113 की संख्या तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करती है.


वहीं, जेडीएस के इस बार भी तीसरी इकाई के रूप में उभरने की संभावना है, जिसको लेकर वो अधिक सतर्क है. वह बीजेपी और कांग्रेस की चालों की निगरानी करते हुए भी अपने समुदाय को एक साथ रखने की रणनीति बना रही है. क्षेत्रीय संगठन (जेडीएस) को साल 2018 जैसी स्थिति की उम्मीद है और वह दोनों राष्ट्रीय दलों में से किसी के साथ गठबंधन करना चाहती है. लेकिन, इसका सबसे बड़ा प्रयास नवनिर्वाचित विधायकों के पलायन को रोकना है, ताकि वह एक कड़ा मोलभाव कर सके और नई सरकार में अधिक से अधिक बोल सके.


एचडी कुमारस्वामी ने कही ये बात
तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश रखने वाले जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल निश्चित रूप से हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिश करेंगे, क्योंकि उन्हें सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या नहीं मिलेगी. हालांकि, हम सतर्क हैं और अपने लोगों को एक साथ रखने के उपाय कर रहे हैं, हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पार्टी हमारी मदद के बिना सरकार नहीं बना पाएगी.


कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश करेगी बीजेपी 
टीओआई को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर कांग्रेस को 150 से कम सीटें मिलती हैं तो बीजेपी उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश करेगी. लेकिन, कांग्रेस ने भी खंडित फैसले की स्थिति में आवश्यक संख्या जुटाने की रणनीति तैयार की है. वहीं, वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि बीजेपी और जेडीएस के खंडित जनादेश के संभावित विजेताओं के साथ पहले से ही बातचीत चल रही है.


'बीजेपी की चाल सफल नहीं होगी'
प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के अध्यक्ष प्रियंका खरगे ने कहा कि वास्तविकता ये है कि हम स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं, हमें बीजेपी को प्रतिद्वंद्वी दलों के विधायकों को क्रॉसओवर करने के अनैतिक तरीके से सरकार बनाने से रोकने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए. पिछले पांच वर्षों में कर्नाटक में बहुत कुछ बदल गया है और बीजेपी की चाल सफल नहीं होगी.


'कांग्रेस और आक्रामक हो गई है'
विधान परिषद में विपक्ष के नेता और तटीय क्षेत्र में कांग्रेस के अभियान के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने कहा कि हमारी कर्नाटक इकाई अब पुरानी कांग्रेस नहीं रही, जो नरम और दलबदल के प्रति संवेदनशील थी. कांग्रेस और आक्रामक हो गई है. उन्होंने कहा कि हमने जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी जैसे वरिष्ठ लिंगायत नेताओं को शामिल करके चुनाव से पहले बीजेपी को झटका दिया. भगवा पार्टी के लिए ऐसे और झटके आने वाले हैं.


इस तरह के घटनाक्रम से इंकार नहीं
गौरतलब है कि साल 2018 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन, बहुमत से नौ सीटों से पीछे रह गई. जबकि जेडीएस और कांग्रेस ने गठबंधन करके सरकार बनाई, बीजेपी ने कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को अपने पाले में शामिल करके गठबंधन सरकार के पतन की शुरुआत की. साल 2019 में भगवा पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी. हालांकि, बीजेपी के पदाधिकारी इस बार भी इसी तरह के घटनाक्रम से इंकार नहीं कर रहे हैं.


'हमें स्पष्ट बहुमत मिलेगा'
बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति की संयोजक शोभा करंदलाजे ने कहा कि बीजेपी को अन्य दलों के विधायकों को शामिल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि हमें स्पष्ट बहुमत मिलेगा. 'ऑपरेशन हस्त' को लागू करने की कांग्रेस की योजना का सपना पूरा नहीं होगा, क्योंकि वे हमारे किसी भी विधायक को नहीं छीन पाएंगे.


बीजेपी के पास दिखाने के लिए कोई विकास कार्य नहीं
पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी धन बल से विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है, क्योंकि उनके पास दिखाने के लिए कोई विकास कार्य नहीं है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर चुनाव प्रचार के दौरान महंगाई, बेरोजगारी और राज्य में भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. सिद्धारमैया ने कहा कि चुनाव में पैसा बह रहा है. अब बीजेपी ने वोटरों को पैसे देने के अलावा और क्या किया है? वे राज्य के बारे में क्या कह सकते हैं सिवाय इसके कि उनके पास पैसा है? उन्होंने क्या विकास हासिल किया?


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