Bypoll Result 2023 : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सभी राजनितक दल इसे लेकर तैयारियों में जुट गए हैं. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मैजिक में जीत की कई नई इबारत लिख चुकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल 28 दल हर कोशिश में लगे हैं. इस बीच 8 सितंबर को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने INDIA में शामिल दलों में जहां जोश भर दिया है, तो वहीं NDA गठबंधन को सोचने पर मजबूर कर दिया है. आइए जानते हैं क्या हैं इन नतीजों के एनडीए के लिए संकेत.


पहले जानिए कैसे रहे नतीजे


6 राज्यों के 7 विधानसभा सीटों में से तीन सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. इसमें त्रिपुरा से दो (धनपुर और बॉक्सनगर), उत्तराखंड के बागेश्वर विधानसभा की सीट शामिल है. दूसरी तरफ INDIA की बात करें तो उसके लिए नतीजे अच्छे रहे. झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर एनडीए उम्मीदवार को झामुमो उम्मीदवार ने हराया. केरल के पुथुपल्ली विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे. पश्चिम बंगाल के धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर टीएमसी (TMC) उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है.


इसलिए एनडीए की बढ़ी परेशानी


बेशक उत्तराखंड और त्रिपुरा में नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहे, लेकिन यूपी, पश्चिम बंगाल, केरल और झारखंड के रिजल्ट ने न सिर्फ पार्टी की बल्कि गठबंधन की चिंता बढ़ाई है. यूपी में घोसी विधानसभा सीट पर INDIA गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दारा सिंह को 42672 वोटों के बड़े अंतर से हराया है. इस सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं का दबदबा माना जाता है. यहां करीब 60,000 राजभर मतदाता, 40,000 यादव, 50,000 चौहान वोटर और करीब 60,000 दलित मतदाता हैं. वहीं, सीट पर करीब 90 हजार मुस्लिम वोटर भी हैं. सपा के सुधाकर सिंह सामान्य वर्ग के हैं, जबकि बीजेपी उम्मीदवार ओबीसी थे. इसके बाद भी कैडर वोट न मिलना बड़े सवाल खड़े करती है. यही नहीं, कुछ समय पहले ओमप्रकाश राजभर भी एनडीए में शामिल हुए थे. पर इसका फायदा यहां नहीं दिखा. पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी में भी टीएमसी का दबदबा कायम है. केरल में जहां कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ता दिख रहा है तो वहीं झारखंड में जेएमएम का भी आधार बना हुआ है.


एनडीए के लिए यह भी परेशान करने वाली बात


इस उपचुनाव में एक और बड़ी बात जो एनडीए को परेशान करने वाली है, वो ये कि इसमें INDIA में शामिल अधिकतर बड़े दलों के नेताओं ने खुलकर उक्त प्रत्याशी का समर्थन किया और उसके लिए प्रचार भी किया. इससे वह आसानी से वोटरों को खींचने में कामयाब रहे. इसके अलावा यूपी में बीजेपी गठबंधन के जरिये जो जातीगत सम्मीकरण साधने में लगी है वह कमाल घोसी के नतीजों में नहीं दिखा.


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