Assembly Election 2023 News: मिजोरम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. अब राजस्थान में 25 को और तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होनी है. इसके बाद पांचों राज्यों के लिए मतगणना 3 दिसंबर को होगी. मतगणना को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर वोटों की गिनती कैसे होती है. ईवीएम में डाले गए वोट कैसे गिने जाते हैं. यहां हम आपको देंगे वोटों की गिनती से जुड़े हर सवाल के जवाब.


 वोटों की गिनती इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) और पोस्टल बैलट (PB) की काउंटिंग से शुरू होती है. ये वोट रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की निगरानी में गिने जाते हैं. इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) और पोस्टल बैलट (PB) की गणना के शुरू होने के आधे घंटे बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) में डाले गए वोटों की गिनती शुरू हो सकती है. चाहे पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी क्यों न हुई हो. आपने अक्सर सुना होगा कि एक राउंड, दो राउंड और तीन राउंड की गिनती पूरी हो गई. आपको बता दें कि राउंड से मतलब 14 ईवीएम में डाले गए वोट की गिनती से होता है. जब 14 ईवीएम में डले वोट गिन लिए जाते हैं तो उसे एक राउंड माना जाता है.


वोटों की गिनती कहां होती है?


चुनाव के बाद ईवीएम निर्वाचन क्षेत्र के लिए बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में जमा होता है. जिस दिन मतगणना होती है, उस दिन वोटों की गिनती भी उसी स्ट्रॉन्ग रूम में होती है. हर स्ट्रॉन्ग रूम में एक रिटर्निंग ऑफिसर तैनात रहता है. काउंटिंग शुरू करने से पहले ईवीएम की सील प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि की मौजूदगी में घोलते हैं. मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने तक हॉल में उम्मीदवार अपने काउंटिंग एजेंट और इलेक्शन एजेंट के साथ मौजूद रहता है.


काउंटिंग के बाद संभालकर रखा जाता है डेटा 


वोटों की गिनती के बाद उसे कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सेव करके रखा जाता है. कंट्रोल यूनिट में यह डेटा तब तक रहता है जब तक इसे डिलीट न किया जाए. वोटों की गिनती की जिम्मेदारी चुनाव पदाधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की होती है. रिटर्निंग ऑफिसर सरकारी अफसर को या फिर स्थानीय निकाय के अधिकारी को बनाया जाता है.


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