Writing Tips: ​​लेखन कला एक ऐसी कला है जिसे सीखने के लिए हमें अभ्यास की जरूरत पड़ती है और लिखने से व्यक्ति में सीखने की क्षमता भी बढ़ती है. अगर आपको सीखने की ललक है तो पहले आप लिखना सीखे और यह आदत अगर आप में नहीं है तो इसे आदत में लाने के लिए हम आपको यहां कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप दोबारा लेखन शुरू कर सकते हैं.


पढ़ने की आदत डालें
कहते हैं अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता बनना पड़ता है और अच्छा लेखक बनने के लिए आपको अपने पढ़ने की यानि रीडिंग करने की आदत डालनी होगी. क्योंकि लिखने के लिए कंटेंट की आवश्यकता होती है और कंटेंट हमें तभी मिलता है जब हमें ज्यादा जानकारी होती है. जानकारी पढ़ने से ही होती है. जितना ज्यादा कंटेंट मिलेगा, लिखने की रफ्तार उतनी ही तेज होगी.


गलतियों को न दोहराएं
अगर अपनी लिखने की आदत में सुधार करना है तो ग़लतियां कम करनी होंगी और उसके लिए हमें अपनी गलतियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. पहली बार की गई गलती से सीखे और उस गलती को दोबारा ना करें इससे लेखन क्षमता में सुधार होगा.


सही मूड में लिखें
जब भी आप लिखने बैठे तो अपने मन मस्तिष्क को ठीक रखें. मूड ठीक होता है तो लेखनी बेहतर होती है इसलिए जब भी आप लिखने बैठे, आराम से तसल्ली से लिखें ताकि हमारा लेखन सुंदर हो सके. कम लिखें लेकिन बेहतर लिखें . ज्यादा लिखने के चक्कर में लेखन की गुणवत्ता को खराब ना करें.


लिखने का समय निश्चित करें
लेखन एक ऐसी कला है जिसे हर समय नहीं किया जा सकता. लिखने का भी एक समय होता है. इसलिए दिन या रात में से जो समय आपको शूट करता है, उसी समय का आप निश्चित करें और उसी समय लेखन करें. इसको अपनी आदत में शुमार कर ले ऐसा करने से उस समय लेखन का फ्लो अच्छा होगा.


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