UPSC IAS Success Story: कहते है कि संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा का चक्रव्यूह वही भेद सकता है, जिसकी अकादमिक तैयारी के साथ हिम्मत और हौसला भी बुलंद हो. 2021 की यूपीएससी की परीक्षा में 40 वीं रैंक हासिल करने वाले कुशल जैन की सफलता की कहानी भी एक सपना देखने और उसे पूरा करने के जुनून में कितनी कुशलता लगती है,उसका भरा-पूरा दस्तावेज है.


इंजीनियरिंग से यूपीएससी का सफर
आइये जानते है कि कुशल का इंजीनियरिंग से यूपीएससी क्रैक करने का सफर कैसा रहा. सरकारी विभाग में इंजीनियर जय कुमार जैन और सरकारी स्कूल की शिक्षिका रश्मि जैन के 29 साल के बेटे कुशल जैन ने यूपीएससी में 40 वीं रैंक हासिल कर संस्कारधानी जबलपुर को गौरवान्वित किया है. तीन बार इंटरव्यू में असफल होने के बावजूद कुशल हौसला नहीं हारे और कुशलता से अपने मिशन में डटे रहे. माइक्रोसाफ्ट जैसी प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर कुशल जैन ने 2018 में अपने सपने को पूरा करने के लिए पलभर में डेढ़ साल पुरानी नौकरी छोड़ी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए.बिना किसी कोचिंग के देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा की तैयारी करने वाले कुशल जैन को आखिरकार चौथे अटेम्प्ट में देश भर में 40वीं रैंक मिली.


स्कूली शिक्षा क्राइस्ट चर्च बॉयज से
कुशल की स्कूली शिक्षा जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज से हुई है. बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित संस्थान से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद दिल्ली में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में अच्छे पैकेज में नौकरी कर रहे थे, लेकिन करीब डेढ़ साल बाद ही सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया.घर वालों से बात की और नौकरी छोड़कर तैयारी में जुट गए.


स्वतंत्रता दिवस परेड में डीएम को झंडा फहराता देख मिली प्रेरणा
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कुशल बताते है कि बचपन में जब स्टेडियम में गणतंत्र दिवस या स्वाधीनता दिवस की परेड में डीएम को झंडा फहराते देखता था तो बड़ा रोमांच आता था. समय के साथ ये यादें धुंधली होती गई लेकिन नौकरी के दौरान लगा कि ढर्रे पर चलने वाली जिंदगी बहुत से बंदिशें लगा रही है. मां-बाप गवर्नमेंट सर्वेंट थे तो घर का माहौल भी कम्युनिटी सर्विस के प्रति बड़ा सकारात्मक रहा.ग्रास रुट पर जाकर काम करने की इच्छा ने ही यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रेरित किया.


खुद से कहा-असफलता से बड़ी है सफलता
हालांकि कुशल ने यूपीएससी एग्जाम क्रैक करने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली लेकिन वे कहते है कि जिस भी फील्ड में जाना हो,उसमें रुचि होना पहली शर्त है और फिर उसमें सफलता पाने के लिए तैयारी हाई लेवल की होनी चाहिए. वे कहते है कि,'मैं भी तीन बार इंटरव्यू लेवल तक जाकर असफल हुआ. इससे निराश भी होती थी लेकिन फिर खुद से ही सवाल करता था कि जो मैं हासिल करने जा रहा हूँ उसके मुकाबले ये असफलता कुछ नहीं है.'


चौथे अटेम्प्ट में मिला 40वां स्थान
कुशल जैन ने चौथे अटेम्प्ट में 40वीं रैंक के साथ यूपीएससी एग्जाम क्रेक किया और अब उन्हें देश की सर्वोच्च सेवा यानी आईएएस का कैडर मिलेगा. कुशल का एग्जाम क्लियर करने का मंत्र भी बिल्कुल क्लियर है. वे कहते है कि किसी भी युवा को यूपीएससी जैसे कठिन एग्जाम की तैयार एक निश्चित शेड्यूल के हिसाब से करनी चाहिए. आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से तैयारी की सुविधा है. सबसे पहले सफल उम्मीदवार को देखे-सुने कि उसने कैसे तैयारी की. फिर हर हफ्ते का टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें. मॉक टेस्ट दें और अपनी गलतियों से सीखें.


यूपीएससी के पिछले सालों के क्विसचन पेपर को जरूर देखना चाहिए. रिवीजन भी करते रहना चाहिए.कुशल कहते है कि सबसे बड़ी बात हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, क्योंकि अधिकांश टॉपर पहले अटेम्प्ट में सफल नहीं होते है. वे भी गलतियां सुधार कर आगे बढ़ते है.रहा सवाल इंटरव्यू के तो वो ऑब्जेक्टिव होता है और उसे हर कैंडिडेट अपने व्यक्तित्व के हिसाब से तैयार कर सकता है. कुशल फिलहाल जबलपुर में अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर रहे है. अगस्त में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी.


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