महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने रविवार को कहा कि पूर्व में स्थगित की गई राज्य की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा पर निर्णय एक सप्ताह के भीतर लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए महाराष्ट्र एसएससी एग्जाम के लिए “नॉन एग्जामिनेशन रूट” ऑप्शन की संभावनाओं को तलाशा जाना चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 12वीं की परीक्षा को लेकर बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने के बाद वर्षा गायकवाड़ ने ये बातें कहीं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की  परीक्षा पहले ही रद्द कर दी है.


12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक सप्ताह में फैसला


वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में 12वीं कक्षा के 25000 सीबीएसई के छात्र और 14 लाख राज्य बोर्ड के स्टूडेंट्स हैं. उन्होंने ये भी बताया कि, मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) ने सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग के साथ बैठक बुलाई है और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के संबंध में एक सप्ताह के भीतर फैसला लिया जाएगा.


उच्च न्यायालय को 10वीं परीक्षा रद्द किए जाने के बारे में सूचित किया जाएगा


वहीं बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र एसएससी (कक्षा 10) की परीक्षा रद्द करने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और कहा था कि यह शिक्षा प्रणाली का मजाक है. इस बारे में पूछे जाने पर गायकवाड ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय को कक्षा 10वीं की परीक्षा रद्द करने के बारे में सूचित करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा महामारी की स्थिति काफी घातक है.


नॉन एग्जामिनेशन रूट” ऑप्शन पर गंभीरता से विचार हो


स्कूल शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि मौजूदा हालात और कोरोना संक्रमण के नए स्वरूप के कारण बच्चों को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है. इस पूर्वानुमान के तहत 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए   “नॉन एग्जामिनेशन रूट” ऑप्शन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. बच्चों और उनके अभिभावकों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.


छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए किया जाए फैसला


उन्होंने ये भी कहा कि छात्र 12वीं कक्षा में 14 महीने से अधिक समय से पढ़ रहे हैं, निजी तौर पर मेरा मानना ​​है कि हमें परीक्षा को लेकर अनिश्चितता को दूर करना चाहिए और ऐसा निर्णय लेना चाहिए जो छात्रों के हित में हो.


वहीं गायकवाड़ ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर कहा, "हमारा ध्यान अब एक समान मूल्यांकन नीति, सभी शिक्षकों और एलिजिबल स्टूडेंट्स का टीकाकरण, और अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए स्कूलों, कॉलेजों के परिसरों की सुरक्षित बहाली पर होना चाहिए."


12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सीएम और लीगल एक्सपर्ट करेंगे विचार-विमर्श


सीबीएसई स्कूलों के लिए, केंद्र ने परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रस्तावित दो विकल्पों पर राज्यों से प्रतिक्रिया मांगी है. इस पर  उन्होंने कहा कि, “हमनें अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया दे दी है, लेकिन बता दिया है कि सीबीएसई और हमारी अपनी बोर्ड परीक्षाओं दोनों पर मुख्यमंत्री और कानूनी विशेषज्ञों के साथ आगे विचार-विमर्श किया जाएगा.”


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