महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से छोटे बच्चों को बचाने के लिए रविवार को राज्य के टास्क फोर्स से बातचीत की. बालरोग विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम से बात करते हुए सीएम ने कहा, "कोरोना की पहली लहर से सीनियर सिटिजंस अधिक प्रभावित हुए. दूसरी लहर ने युवाओं और मध्यम उम्र के लोगों पर अपना असर डाला. अब जो वर्ग बच गया है वो बच्चों का है और ऐसे में उन पर तीसरी लहर का असर होने की संभावना जताई जा रही है. रविवार को हुई एक बैठक में डॉक्टरों ने सीएम उद्धव ठाकरे से कहा कि इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन लगाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भीड़भाड़ कम करने और अनावश्यक टेस्टिंग को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है.


सीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई की सबसे ज्यादा तैयारी हमारे राज्य ने की है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीसरी लहर में बच्चों पर होने वाले असर की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञों की टास्क फोर्स तैयार की है. डॉ. सुहास प्रभु इसके अध्यक्ष हैं और डॉ. विजय येवले, डॉ. परमानंद आंदणकर जैसे विशेषज्ञ इस टास्क फोर्स के सदस्य हैं. सीएम ने कहा, "हमें तीसरी लहर को लेकर पहले से तैयार रहने की जरूरत है. जरूरी है कि समय रहते हुए प्रभावी कदम उठाए जाएं."


सीएम ने डॉक्टरों के काम को सराहा 


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहा, "समय रहते हमने लॉकडाउन लगाने के बारे विचार किया. हमारे इस फैसले का राज्य के लोगों ने भी स्वागत किया. इस फैसले की वजह से आज कोरोना राज्य में नियंत्रित हो पाया है. भले ही पूरी तरह से कोरोना खत्म नहीं हुआ है, लेकिन जो नियंत्रण में आया है, उसका पूरा श्रेय डॉक्टरों और राज्य के लोगों का है." उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने इस बुरे वक्त में बखूबी काम किया है और लोगों की जिंदगी बचाने की हर संभव कोशिश की है.


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