Indian Institutes of Management Admission: बीते दिनों में विभिन्न बोर्डों (Boards) की परीक्षाओं में लड़कियों ने बाजी मारी है और अब मैनेजमेंट कॉलेजों (Management Colleges) में भी छात्राओं के दाखिले की संख्या ज्यादा दिख रही है. इसकी वजह कॉर्पोरेट जगत में महिला मैनेजरों की मांग है. इंडियन मैनेजमेंट कॉलेजों में लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा एडमिशन ले रही हैं.

 

काशीपुर, रोहतक, रायपुर, संबलपुर, उदयपुर सहित सभी इंडियन मैनेजमेंट कॉलेजों में पीजी स्तर (PG Level) के प्रोग्राम में हर बैच 10 छात्रों में से 3 छात्राएं हैं. रायपुर (Raipur) जैसे नए हाय आई एम में 62 फीसदी लड़कियां हैं. जबकि रोहतक में 61 तो काशीपुर में 43 फीसदी छात्राएं हैं. नए आईआईएम कॉलेजों (New IIM Colleges) में छात्राओं ने पुराने की तुलना में ज्यादा लड़कियां हैं.

 

महिला प्रबंधकों की मांग बढ़ी
कॉलेज प्रशासन की मानें तो काशीपुर और रायपुर में 10 वर्षों में छात्राओं की संख्या सबसे ज्यादा हो गई है आईआईएम रायपुर में पहली बार छात्रों की जगह छात्राओं की संख्या कहीं ज्यादा है. उद्योग जगत के विशेषज्ञों की माने तो प्रबंधकों की अब महिला प्रबंधकों की डिमांड ज्यादा होने लगी है. इस वजह से आईआईएम में छात्राओं के दाखिले के नियम और नीतियां बनाई गई है. पुराने आईआईएम (IIM) जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को 99% प्लस के कट ऑफ पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. जबकि नए आईआईएमए (IIM) का यह प्रतिशत लगभग 90 से 95 था. प्रत्येक वर्ष प्लेसमेंट के दौरान अधिक महिला प्रबंधकों की मांग बढ़ रही है. आईआईएम संबलपुर (IIM Sambalpur) के डायरेक्टर महादेव जायसवाल ने कहा है कि महिलाएं ईमानदार, मेहनती और आम तौर पर मल्टीटास्किंग हैं, इसलिए कॉर्पोरेट में महिला उम्मीदवारों को काम पर रखने को प्राथमिकता दी जाती है.

 


 


 

Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI