Can Teachers Check Board Copies At Home: बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे सामने आने का वक्त हो गया है. कई बोर्ड की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और कई की होने वाली हैं. इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम होता है. ऐसे में कई बार इस प्रक्रिया के बारे में जानने की इच्छा मन में होती है. बोर्ड की कॉपियां कौन चेक करता है, क्या इसके लिए कोई खास नियम होता है, इस दौरान क्या कॉपी घर लेकर आ सकते हैं? जानते हैं ऐसे ही सवालों के जवाब.


क्या घर पर कर सकते हैं कॉपी चेक


बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियां चेक करने के लिए केंद्र बनाए जाते हैं. ये केंद्र अलग-अलग जगहों पर होते हैं और सामान्य रूप से जिस स्कूल का टीचर होता है, वह वहां कॉपी चेक नहीं करता. उसे दूसरे स्कूल भेजा जाता है. इनके लिए टीचर और केंद्र तय होते हैं और किसकी ड्यूटी कहां लगेगी ये भी तय होता है. घर पर कॉपी लाना एलाऊ नहीं होता.


अनुभवी टीचर करते हैं ये काम


कॉपी चेकिंग के लिए एक्सपीरियंस्ड टीचर्स को चुना जाता है. कॉपियों का पहला पन्ना हटा दिया जाता है ताकि स्टूडेंट की पहचान गुप्त रहे. कॉपियों को एक गुप्त कोड रखा जाता है जिसकी जानकारी केवल बोर्ड के स्टाफ को होती है. इससे टीचर्स किसी के साथ पक्षपात नहीं कर सकते.


मार्किंग स्कीम मिलती है


हर बोर्ड के नियम अलग होते हैं पर मोटे तौर पर केंद्र में कॉपी चेक करने वाले टीचर्स को मार्किंग स्कीम दी जाती है. उन्हें उसी के हिसाब से पेपर चेक करना होता है और मार्क्स देने होते हैं. कहीं कुछ फंसता है तो वहां मौजूद हेड एग्जामिनर की मदद ली जाती है.


कब कॉपी घर ले गए थे


कॉपी घर ले जाकर चेक करने की सुविधा केवल एक बार साल 2020 में मिली थी जब कोरोना ने जोर पकड़ा हुआ था. शिक्षकों की सेफ्टी को देखते हुए ये कदम उठाया गया था और कुछ बोर्ड्स ने ही ये फैसिलिटी दी थी. बाद में इसे भी बंद कर दिया गया और कोरोना के नियमों का पालन करते हुए सेंटर पर ही टीचर्स को कॉपी चेक करने के लिए कहा गया था. 


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