वारिस और घिनौने 'प्रेम संबंध' के लिए बैंक मैनेजर ने रची 'डबल मर्डर' की साजिश
डबल मर्डर की गुत्थी सुलझाने में सीसीटीवी कैमरे ने भी काफी अहम रोल अदा किया. सीसीटीवी तस्वीरों की मदद से पुलिस को सुपारी किलर मुकेश का सुराग लगा था. सीसीटीवी तस्वीरों के जरिए पुलिस पहले मुकेश तक पहुंची. फिर साजिश के मास्टरमाइंड बैंक मैनेजर शशिकुमार तक. पुलिस के मुताबिक दूसरे सुपारी किलर मोहन को मुकेश ने पैसों के बंटवारे के झगड़े में मार डाला.
कत्ल के बाद हत्यारे अलमारी में रखे शशि कुमार के नए कपड़े पहनकर फरार हुए थे. ताकि खून से सने कपड़े देखकर कोई उन्हें पकड़ न ले. हत्यारों ने खून से सने कपड़े और हथियार ठिकाने लगाने के बाद घर से चुराए गए जेवरात बेच दिए थे. इस डबल मर्डर ने पूरे जमशेदपुर में सनसनी फैला दी थी. लेकिन, पुलिस ने तमाम कड़ियों को जोड़कर इस साजिश का पर्दाफाश कर डाला. आगे पढ़िए...
पुलिस के मुताबिक कातिलों ने मंजू को मौत के घाट उतारने से पहले साढ़े तीन साल के मासूम द्विज की हत्या की थी. मां-बेटे की हत्या करने के बाद हत्यारों ने अलमारी में रखे जेवर और करीब तीन हजार रुपए निकाल लिए थे. दरअसल बैंक मैनेजर ने उन्हें अलमारी की चाबी के बारे में पहले ही बता दिया था. आगे पढ़िए...
उसने दफ्तर में बैठे-बैठे ही सुपारी किलर को अपने घर में घुसाने का भी इंतजाम कर दिया था. बैंक मैनेजर ने अपनी पत्नी मंजू को फोन करके बताया था कि घर में पर्दे लगाने के लिए बढ़ई आएंगे, दरवाजा खोल देना. और फिर मंजू ने जैसे ही दरवाजा खोला, हत्यारों ने उसका काम तमाम कर डाला. आगे पढ़िए...
इसलिए उसने दोनों को रास्ते से हटाने के लिए एक खौफनाक साजिश रच डाली. साजिश को अंजाम देने के लिए उसने बढ़ई का काम करने वाले मुकेश और मोहन नाम के शख्स को पांच लाख में सुपारी दी थी. पुलिस के मुताबिक साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बैंक मैनेजर शशि कुमार ने 15 नवंबर 2016 का दिन मुकर्र किया था. आगे पढ़िए...
जमशेदपुर के ओवरसीज बैंक में मैनेजर शशि कुमार ने सुपारी किलर भेजकर अपनी पत्नी मंजू और साढ़े तीन साल के बेटे द्विज का मर्डर कराया था. उस दिन इसके मगरमच्छी आंसुओं को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा पाया था कि घर में हुए कत्लेआम की साजिश का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि ये खुद है. आगे पढ़िए...
पुलिस के मुताबिक शशि कुमार अपनी पत्नी पत्नी मंजू और साढ़े तीन साल के बेटे द्विज को रास्ते से हटाना चाहता था. क्योंकि द्विज उसका सगा बेटा नहीं था. बल्कि उसे इसने अपनी बीवी के कहने पर गोद लिया था. जमशेदपुर पुलिस के मुताबिक बैंक मैनेजर की बीवी और गोद लिए हुए बच्चे को अपनी मौसेरी बहन के साथ दूसरी शादी में रोड़ा समझता था. आगे पढ़िए...
ठीक 10 दिन बाद उसके गिरेहबान तक पुलिस के हाथ पहुंच गए. पुलिस की मानें, तो इंडियन ओवरसीज बैंक के सीनियर मैनेजर शशि कुमार का गुजरात में रहने वाली मौसेरी बहन के साथ प्रेम संबंध था. 17 साल की मौसेरी बहन शशि कुमार से करीब 30 साल छोटी है. लेकिन रिश्तों की तमाम मर्यादाओं को ताक पर रखकर ये शख्स करीब डेढ़ साल से उसके प्यार में पड़ा था. आगे पढ़िए...
अपनी झूठी कहानी और मगरमच्छी आंसुओं के सहारे बैंक मैनेजर शशि कुमार पूरे 10 दिनों तक दुनिया को धोखा देता रहा. उसके पाखंड को देखकर पड़ोसी उसे दिलासा दे रहे थे. वहीं, शुरुआत में पुलिस ने भी यकीन कर लिया था. लेकिन जैसे-जैसे तहकीकात आगे बढ़ी बैंक मैनेजर की साजिश के तार खुलते चले गए. आगे पढ़िए...
वो शख्स एक बैंक में मैनेजर था. घर में प्यार करने वाली सुंदर बीवी थी. रुपये-पैसे की भी कोई कमी नहीं थी. लेकिन, दिल में एक टीस थी. वो अपने धन-दौलत और जमीन जायदाद के लिए एक वारिस चाहता था. वारिस के लिए उस बैंक मैनेजर ने एक ऐसी खौफनाक साजिश रची-जिसके बारे में सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे. आगे पढ़िए...
उस दिन तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इस शैतान ने पूरे दो महीनों तक साजिश रचने के बाद अपनी पत्नी को रास्ते से हटाया था. पुलिस के मुताबिक इसकी पत्नी का कसूर सिर्फ इतना था कि वो इसे वारिस नहीं दे पाई थी. इसीलिए इस दरिंदे ने उसे मौत दे दी. आगे पढ़िए...