Patna Crime: पटना में कानून-व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है और यहां लगातार आपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं. अपराधी पुलिस को चुनौती देते हुए हत्या, किडनैपिंग, लूटपाट जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं बिहार क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (Bihar Crime Record Bureau) द्वारा जारी जून 2022 तक के आपराधिक आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. बिहार क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक पटना में जनवरी से जून के बीच 150 से ज्यादा हत्याओं को अंजाम दिया गया है. ये आंकड़ा पिछले साल इस अवधि के दौरान हुई हत्याओं का दोगुना है यानी पटना में हत्याओं के मामलों में सौ फीसदी का इजाफा हुआ है.
पटना में इस साल दंगा और रोड डकैती के मामलों में आई कमीहत्या ही नहीं पटना जिले में फिरौती के लिए किडनैपिंग के मामले भी 100 फीसदी बढ़ें हैं. हालांकि दंगा और रोड डकैती के मामलों में कमी दर्ज की गई है. जहां पिछले साल दगों के 465 मालमे सामने आए थे तो वहीं इस साल जून तक महज 241 ही दंगे की वारदातें दर्ज की गई हैं. वहीं रोड़ डकैती में 48 फीसदी की कमी आई है.
हत्याओं की क्या रही बड़ी वजहनेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के 2021 के आंकडों के मुताबिक पटना में ज्यादातर हत्याओं की वजह भूमि विवाद रही है. वहीं आपसी रंजिश के चलते भी यहां कत्ल हुए हैं. वहीं इस साल पुरानी रंजिश और जमीन विवाद के कारण 70 फीसदी हत्याएं हुई हैं. जबकि अवैध संबंधों की वजह से 22 फीसदी हत्याएं हुई हैं. इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पटना में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है.
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