Patna Metro News: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो के कॉरिडोर I (दानापुर से खेमनीचक) और कॉरिडोर II (पाटलिपुत्र बस) टर्मिनल का काम तेजी से हो रहा है. वहीं इन दोनों कॉरिडोर पर बनाए जा रहे सभी प्रस्तावित मेट्रो रेल स्टेशन भी काफी अत्याधुन होंगे. दरअस ये स्टेशन हरित भवन या ग्रीन बिल्डिंग के तहत बनाए जा रहे हैं और यहां ऊर्जा व बारिश के पानी के संरक्षण और एक स्थायी वातावरण को सक्षम करने के प्रावधानों को लागू किया जाएगा.


इसी के साथ पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) शहर भर में हो रहे निर्माण कार्यों के दौरान प्रदूषण को रोकने के लिए भी तमाम उपायों को अमलीजामा पहना रही है. इसके तहत हरित मानदंडों का पालन कर स्टेशनों को इको फ्रेंडली के रूप में डिजाइन किया जा रहा है.


ग्रीन बिल्डिंग के रूप में डिजाइन किए जा रहे हैं पटना मेट्रो स्टेशन
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया, “ पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सभी 24 एलिवेटेड और भूमिगत मेट्रो स्टेशनों को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में डिजाइन किया जा रहा है. इन बिल्डिंगों की खासियत ये होगी कि इनमें रूफटॉफ सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और वेस्ट मैनेजमेंट जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इस पहल से पर्यावरण संरक्षण हो सकेगा.” अधिकारी ने ये भी कहा कि कंस्ट्रक्शन के दौरान हरित नियमों का भी पालन किया जा रहा है.


प्रदूषण कम करने के लिए अपनाए जा रहे ये उपाय
अधिकारी ने ये भी कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर प्रदूषण के स्तर में अस्थायी प्रगति हुई है. साइट्स के आस-पास पड़ी मिट्टी. मिट्टी की खुदाई की वजह से प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण में भी काफी इजाफा हुआ है. इससे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंच ही रहा है वहीं यात्रियों को भी काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है. इसी कारण डीएमआरसी ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई हरित प्रथाओं को अपनाया है. इनमें व्हील वॉश, धुंध स्प्रे धूल दमन, शोर और वायु निगरानी, पेड़ों का स्थानांतरण व मिट्टी संरक्षण आदि शामिल हैं.  


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