Medical Insurance: कोलकाता के निवासियों को जल्द ही मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे अन्य महानगरों में रहने वालों की तुलना में कम स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (Health Insurance Premium) का भुगतान करना पड़ सकता है. दरअसल, कई हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां एक ऐसे सिस्टम को लेकर आ रही हैं जिसमें बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा (Insurance Regulatory and Development Authority) सेक्टर के डिरेगुलेशन के बाद विभिन्न एरिया और जोन में अलग-अलग प्रीमियम होंगे. कम "नुकसान अनुपात" वाला शहर या क्षेत्र (प्रीमियम के रूप में भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये की तुलना में वास्तविक दावे) को अब कम प्रीमियम का भुगतान करना होगा अगर अन्य फैक्टर्स जैसे पॉलिसी का प्रकार और बीमित व्यक्ति का एज ग्रुप समान रहता है.


कोलकाता मे लॉस रेश्यो है बहुत कम


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के महाप्रबंधक अशोक कुमार लाहोटी ने बताया कि मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और यहां तक ​​कि गुजरात की तुलना में कोलकाता में लॉस रेश्यो बहुत कम है. उन्होंने कहा, "जोन 1 में लॉस रेश्यो, जिसमें गुजरात है, हमारे कुछ उत्पादों के लिए 92% पर सबसे अधिक है. वहीं जोन 3 (जहां कोलकाता स्थित है) का नुकसान अनुपात 80% -82 फीसदी है."


लॉस रेश्यो कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है


 टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक बीमा विशेषज्ञ ने बताया कि लॉस रेश्यो अचल संपत्ति की लागत जैसे कारकों पर भी निर्भर करता है इनमें  कमरे का किराये, लेबर की कॉस्ट और बीमा कंपनियों की पैकेज दरों को स्वीकार करने के इच्छुक अस्पताल शामिल हैं. पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के मामले में, एक पसंदीदा प्रदाता नेटवर्क होता है जिसमें अस्पताल शामिल होते हैं जो पैकेज दरों को स्वीकार करते हैं.


कोलकाता जोन 3 में है


बीमा फर्म के वरिष्ठों का कहना है कि जोन 1 और 2 के स्थानों ने लगातार प्रतिकूल अनुभव दिखाया है, जिसमें हानि अनुपात शेष भारत के 1.5 गुना है. गुजरात एनआईसी के लिए जोन 1 में है वहीं  दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और इंदौर जोन 2 में हैं और कोलकाता समेत शेष भारत जोन 3 में है.


युवाओं के लिए लाई जा रही नई पॉलिसी


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक लाहोटी ने कहा, "हमने युवाओं के लिए नई सुविधाओं के साथ नेशनल यंग इंडिया मेडिक्लेम पॉलिसी शुरू की है ताकि नुकसान के अनुपात को और कम किया जा सके, हमारे पास जोन-वार प्रीमियम दरें होंगी, कोलकाता के साथ उन क्षेत्रों में जहां सबसे कम राशि का भुगतान करना होगा." वहीं आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के अंडरराइटिंग और क्लेम हेड संजय दत्ता ने कह कि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी भी जोन के हिसाब से और पॉलिसी लाने की योजना बना रही है.उन्होंने कहा कि, "भविष्य में हानि अनुपात और क्षेत्रों से जुड़े और अधिक उत्पाद होंगे."


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