Foreign Investors: भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) में गिरावट का सिलसिला जारी है. हर दिन वैश्विक कारणों ( Global Factors) या फिर स्थानीय कारणों के चलते विदेशी पोर्टपोलियो निवेशक ( Foreign Portfolio Investors) बिकवाली कर रहे हैं. अक्टूबर 2021 के बाद से विदेशी निवेशकों ( Foreign Investors) ने भारतीय शेयर बाजार में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये यानि 32 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली कर अपने निवेश को वापस ले लिया है. 


बीते 7 महीनों से कर विदेशी निवेशक बिकवाली
एनएसडीएल ( National Securities Depository Limited)  के डाटा के मुताबिक 2014 से लेकर 2020 के बीच भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं 2010 से 2020 के बीच कुल 4.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. लेकिन 7 महीने में इन निवेशकों द्वारा की गई बिकवाली के चलते निवेश घटकर केवल आधा रह गया है. 


रिटेल निवेशकों ने संभाला बाजार को
अगर कोरोना महामारी काल ( Covid 19 Pandemic) के दौरान रिटेल निवेशकों ( Retail Investors) ने भारतीय शेयर बाजार में निवेश नहीं किया हुआ होता तो बाजार और नीचे गिरकर कारोबार कर रहा होता. बीते दो सालों 2020 और 2021 में रिटेल निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 2.1 लाख करोड़ रुपये निवेश किया है. बीते दो सालों में डिमैट खातों की संख्या दोगुनी हो गई है. वहीं इस अवधि में विदेशी निवेशकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये वापस निकाल लिए. घरेलू म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund) ने भी भारतीय शेयर बाजार में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दो सालों में निवेश किया है. रिटेल निवेशकों ( Retail Investors) और म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund) के निवेश के चलते भारतीय बाजारों विदेशी निवेशकों के बड़े पलायन के बावजूद बड़ी गिरावट नहीं देखने को मिली है. 


महंगाई और वैश्विक कारणों के चलते ले रहे निवेश वापस
अक्टूबर के बाद से ही भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दौर शुरू हुआ है. दरअसल दुनिया भर के देशों में महंगाई ( Inflation) में बढ़ी है जिसके चलते वहां के सेंट्रल बैंकों ( Central Bank) को ब्याज दरें ( Interest Rate) बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बैंक ऑफ इंग्लैंड ( Bank Of England)  के अलावा फेडरल रिजर्व ( Federal Reserve) और अब भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank Of India) ने भी ब्याज दरें बढ़ाया है. जिसके बाद विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ी है. आग में घी का काम किया यूक्रेन पर रूस ( Russia Ukraine Conflict) के हमले ने. जिसके चलते सप्लाई बाधित हुई है इससे भी महंगाई बढ़ी है. कच्चा तेल समेत कई कमोडिटी ( Commodity) के दाम आसमान छू रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों सेंट्रल बैंक और भी ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं. ऐसे में शेयर बाजार में और अस्थिरता आ सकती है जिसके चलते विदेशी निवेशक शेयर बाजार की जगह सुरक्षित ठिकानों पर निवेश करने को प्राथमिकता देंगे.  


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